उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया पर तंज कसते हुए इस समूह के सदस्यों को ‘‘फ्यूज ट्रांसफॉर्मर’’ करार दिया और कहा कि ये जीरो वाट का बल्ब भी नहीं जला सकते, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसा ‘ट्रांसफॉर्मर’ हैं जो हर जगह प्रकाश फैलाते हैं।
चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में कहा, उदाहरण के लिए 250 यूनिट के 10 ट्रांसफॉर्मर हैं, लेकिन फ्यूज ट्रांसफॉर्मर हैं, इसलिए वे जीरो वाट का बल्ब भी नहीं जला पाएंगे। वहीं, (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी एक ऐसे ट्रांसफॉर्मर हैं, जो हर जगह रोशनी फैलाते हैं। वे (विपक्षी गुट) फ्यूज ट्रांसफॉर्मर हैं, इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन में घोटालेबाज सदस्य हैं, जिनमें सभी के बीच मतभेद का इतिहास रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का एक प्रमुख चेहरा माने जाने वाले चौधरी ने कहा कि क्षेत्र में जाट एक प्रमुख जाति है और वह भाजपा के साथ मजबूती से खड़ी है।
चौधरी ने कहा, जाट एक राष्ट्रवादी समुदाय है और जो पार्टी राष्ट्रवाद की बात करती है, जाट उसके साथ रहते हैं। यहां तक कि मुगल काल के दौरान भी, जाटों ने लड़ाई लड़ी थी और सनातन धर्म एवं देश की रक्षा की थी।
उन्होंने यह भी दावा किया, “भारतीय संस्कृति की रक्षा और उसे बचाने में अगर सबसे ज्यादा योगदान किसी का है तो वह उन लोगों का है, जो दिल्ली के 200 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाता पूरी तरह से भाजपा के साथ हैं।”
मथुरा जिले के छाता विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे चौधरी पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस में रह चुके हैं। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। बसपा सरकार में मंत्री रह चुके चौधरी ने आगामी आम चुनाव के मद्देनजर अपनी पुरानी पार्टी को महत्वहीन बताते हुए खारिज किया और कहा कि बसपा के मतदाताओं में ज्यादातर मजदूर हैं और वे जानते हैं कि उनके हित भाजपा के साथ हैं।
उन्होंने हाल में मैनपुरी सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार की जीत को दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के प्रति सहानुभूति लहर का परिणाम बताया और कहा कि यह सीट भविष्य में भाजपा के लिए अभेद्य नहीं है। इसी सीट से यादव सांसद थे।
मंत्री ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछली सरकारों के दौरान बंद हुईं कई चीनी मिल को फिर से शुरू किया और अपने कार्यकाल में कई नयी मिल खोली हैं।
चौधरी ने कहा, बसपा सरकार के कार्यकाल (2007 से 2012) में 19 चीनी मिल बंद हो गईं, जबकि सपा शासन (2012 से 2017) में 11 चीनी मिल बंद हुईं। हमारी सरकार आने के बाद हमने बंद चीनी मिल फिर से शुरू की हैं और नयी मिल भी स्थापित की गई हैं। किसान जब किसी फसल में मुनाफा देखेगा तो उसकी ओर बढ़ेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि 2017 तक राज्य में 20 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती थी और अब यह क्षेत्र बढ़कर 29 लाख हेक्टेयर हो गया है।