जम्मू। जम्मू कश्मीर में शांति के एक नये युग की शुरूआत होने का उल्लेख करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी घटनाएं 66 फीसदी और नागरिकों की हत्याओं में 81 प्रतिशत की कमी आई है। शाह ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, जम्मू कश्मीर को पर्यटन केंद्र के रूप में तब्दील करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया।
शाह ने जम्मू में 100 ई-बसों को हरी झंडी दिखाई और जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों तथा अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पाने वालों को नियुक्ति पत्र सौंपे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद आतंकवाद से जुड़े मामलों में 66 प्रतिशत की कमी आई है। नागरिकों की हत्याओं में 81 प्रतिशत और सुरक्षा बलों की हत्याओं में 48 प्रतिशत की कमी आई है।’’ उन्होंने कहा कि इससे यह प्रदर्शित होता है कि जम्मू कश्मीर में खुशहाली, शांति और सामान्य स्थिति का एक नया युग शुरू हुआ है।
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केंद्र ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त 2019 को रद्द कर दिया था। साथ ही, सरकार ने इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों–जम्मू कश्मीर और लद्दाख– में विभाजित कर दिया। शाह ने कहा कि 2000 में जम्मू कश्मीर में पथराव की 2,654 घटनाएं हुई थीं लेकिन 2023 में ऐसी एक भी घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘2010 में करीब 132 बंद के आयोजन किये गए लेकिन 2023 में एक भी नहीं किया गया। 2010 में करीब 112 नागरिकों की पथराव की घटनाओं में मौत हुई लेकिन 2023 में पथराव में एक भी नागरिक ने जान नहीं गंवाई। करीब 6,235 नागरिक 2010 की अवधि के दौरान घायल हुए।’’ मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण पर भी नकेल कसी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘संपत्ति सील और कुर्क की जा रही। उनकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कई आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है।’’
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मोदी की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर को एक पर्यटन केंद्र में बदल दिया है जो कभी आतंकवाद के लिए जाना जाता था। उन्होंने कहा, ‘‘बम विस्फोट, गोलीबारी, पथराव और बंद के युग की जगह शिक्षा, स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, प्रबंधन संस्थान, उद्योग और बुनियादी ढांचे ने ले ली है। यह एक बड़ा बदलाव है जो जम्मू कश्मीर में हो रहा है।’’ शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 2019-20 में 297 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था और यह 2022-23 में बढ़ कर 2,153 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने जम्मू कश्मीर के युवाओं से मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने और देश के लोकतांत्रिक ढांचे का हिस्सा बनने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘पत्थर की जगह जम्मू कश्मीर के युवाओं के हाथों में अब कंप्यूटर हैं और वे जम्मू कश्मीर की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।