Breaking News

Jan Gan Man: Waqf Amendment Bill को लेकर Amit Shah ने जो संकेत दिये उससे इस विधेयक के विरोधियों को कष्ट होना तय है

वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर देश में एक ओर राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर हिंदू और मुस्लिम समाज की ओर से अपने अपने लोगों के बीच जागरूकता अभियान चला कर माहौल गर्माया जा रहा है। कहा जा सकता है कि इससे पहले समाज के भीतर ऐसा दृश्य किसी अन्य विधेयक के समर्थन या विरोध करने को लेकर देखने को नहीं मिला। इस विधेयक के पारित हो पाने या नहीं हो पाने के संशय के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संरक्षण सुनिश्चित करना है और इसे आने वाले दिनों में संसद में पारित किया जाएगा। दूसरी ओर, वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर मुस्लिम संगठनों ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस विधेयक का मकसद वक्फ बोर्डों को कमजोर करना और मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में दखल देना है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि वक्फ ऐक्ट चलने दीजिये और ठीक वैसा ही हिंदू दान अधिनियम बनाइए। इसी तरह के विमर्श अन्य बुद्धिजीवी भी प्रकट कर रहे हैं।
जहां तक अमित शाह के बयान की बात है तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा।

इसे भी पढ़ें: राहुल बाबा झूठ बोलने की मशीन, हरियाणा रैली में बोले अमित शाह- अग्निवीर योजना पर फैला रहे अफवाह

वहीं भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की बात करें तो उन्होंने कहा है कि वक्फ बोर्ड भी चलने दीजिये और ठीक वैसा ही हिंदू दान बोर्ड बनाइए। उन्होंने कहा है कि वक्फ ट्रिब्यूनल भी चलने दीजिये और ठीक वैसा ही हिंदू दान ट्रिब्यूनल बनाइए। उन्होंने कहा है कि मठ-मंदिर तथा मुगलों, नवाबों, निजामों की जमीन का फैसला हिंदू दान ट्रिब्यूनल करेगा।
हम आपको याद दिला दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पिछले महीने लोकसभा में पेश किया गया था और इसकी विस्तृत समीक्षा के लिए इसे संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया था। विपक्षी दलों ने विधेयक के मसौदे के कुछ प्रावधानों पर कड़ी आपत्ति जताई है। हम आपको यह भी बता दें कि इस विधेयक का उद्देश्य संघर्ष और विवादों को कम करना है। इसमें वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन पंजीकरण और निगरानी के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म स्थापित करने का भी प्रावधान है।
जहां तक मुस्लिम संगठनों की आपत्ति की बात है तो आपको बता दें कि उनका कहना है कि इस विधेयक का मकसद वक्फ बोर्डों को कमजोर करना और मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में दखल देना है। मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक को लेकर अपनी आपत्तियां एवं सुझाव जेपीसी को दिए हैं जिनमें दावा किया गया है कि यह (विधेयक) संपत्तियों के प्रभावी तरीके से प्रबंधन की वक्फ बोर्डों की क्षमताओं को कमजोर करेगा। साथ ही वक्फ के लाभार्थियों जैसे गरीबों, विधवाओं एवं अनाथों पर प्रतिकूल असर डालेगा।

Loading

Back
Messenger