केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आरोप लगाया कि 2022 में केंद्र द्वारा अनावरण किए गए अल्पकालिक रक्षा भर्ती मॉडल, अग्निपथ योजना के बारे में गलत धारणा फैलाई जा रही है। शाह ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, ”पूरे देश में यह गलतफहमी फैलाई जा रही है कि 4 साल बाद 75% अग्निवीर बेकार हो जाएंगे और उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा… योजना यह है कि अगर 100 लोग अग्निवीर बनेंगे, उनमें से 25% स्थायी रूप से सेना में तैनात होंगे।”
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अमित शाह ने कहा कि शेष 75% के लिए, भाजपा शासित राज्यों ने अपने राज्य पुलिस बल में 10-20% आरक्षण दिया है। केंद्र सरकार के अर्धसैनिक बल में भी 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। आरक्षण के अलावा उन्हें चयन प्रक्रिया जैसे उम्र, परीक्षा में काफी छूट मिलेगी और उन्हें शारीरिक परीक्षण से भी नहीं गुजरना होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद शायद ही कोई अग्निवीर होगा जिसे नौकरी न मिले… कई सुरक्षा कंपनियों ने भी अग्निवीरों को प्राथमिकता दी है… उन्हें 4 साल तक मोटी सैलरी मिलेगी और उसके बाद ग्रेच्युटी के साथ पक्की नौकरी मिलेगी… राहुल गांधी अपनी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए सरासर झूठ बोल रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
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राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता केंद्र की अग्निपथ योजना के बेहद आलोचक रहे हैं। शुक्रवार को कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्निपथ योजना को ”जबरन” थोपकर देश की सेवा करने का सपना देख रहे युवाओं के साथ ‘विश्वासघात’ किया। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आई तो अग्निपथ योजना को खत्म कर देगी। ‘अग्निपथ’ योजना साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए भर्ती करने का प्रावधान करती है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है।