Breaking News

Jammu-Kashmir Bill पर बोले Amit Shah, गरीबों का दर्द जानते हैं PM Modi, अधिकारों से वंचित लोगों को मिलेगा न्याय

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है जिनकी 70 साल तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे नेता हैं जो गरीब और पिछड़ों का दर्द जानते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि करीब 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग जम्मू कश्मीर से देशभर में विस्थापित होने को मजबूर हुए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार विधेयक लाई है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमारा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से हमारा 370 हटाना कई लोगों को खटक गया। 
 

इसे भी पढ़ें: Parliament Winter Session के तीसरे दिन रणनीति को लेकर PM Modi ने की अहम बैठक, कई मंत्रियों ने लिया हिस्सा

अमित शाह ने कहा कि अगर वोट बैंक के बारे में सोचे बिना शुरुआत में ही आतंकवाद से निपटा जाता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर नहीं जाना पड़ता। उन्होंने कहा कि मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए। यही भारत के संविधान की मूल भावना है। लेकिन उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है। इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है। 
लोकसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि 1980 के दशक के बाद (जम्मू-कश्मीर में) आतंकवाद का युग था और यह एक भयावह दृश्य था। जो लोग इस भूमि को अपना देश मानकर रहते थे, उन्हें बाहर निकाल दिया गया और किसी को नहीं उनकी परवाह की, न ही उन्होंने इसे रोकने की कोशिश की। दरअसल, जिन्हें इसे रोकने के लिए आगे आना चाहिए था, वे इंग्लैंड में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे। उन्होंने कहा कि जब वे (कश्मीरी पंडित) विस्थापित हुए, तो उन्हें अपने देश में शरणार्थी के रूप में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। लगभग 46,631 परिवार अपने ही देश में विस्थापित हो गए। यह विधेयक उन्हें अधिकार दिलाने के लिए है, यह विधेयक उन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए है।
 

इसे भी पढ़ें: Parliament Winter Session: जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो बिल संसद में पेश, DMK सांसद का विवादित बयान

अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर विधेयक उन लोगों को विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान करता है जिन्हें आतंकवाद के कारण कश्मीर छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इसे कम आंकने की भी कोशिश की…किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदला जा रहा है। मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हममें थोड़ी भी सहानुभूति है तो हमें यह देखना होगा कि नाम के साथ सम्मान जुड़ा होता है। ये वही लोग देख सकते हैं जो उन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं। जो लोग इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए वोट बैंक के रूप में उपयोग करते हैं। नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो एक गरीब परिवार में पैदा हुए और आज देश के प्रधान मंत्री बने। वह गरीबों का दर्द जानते हैं।

Loading

Back
Messenger