अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने बृहस्पतिवार को गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद एनसीसी कैडेट के एक समूह द्वारा कथित धार्मिक नारेबाजी करने की खबरों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक समिति शुक्रवार को गठित की।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रवक्ता उमर पीरजादा के मुताबिक, इस जांच समिति को पांच दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
पीरजादा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह समिति पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को आधिकारिक कार्यक्रम समाप्त होने और लोगों के तितर बितर होने के बाद यह कथित घटना घटी।
इस घटना का वीडियो बृहस्पतिवार को ही सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था जिसमें एक विद्यार्थी को नारेबाजी करते हुए देखा गया। पीरजादा ने बताया कि उक्त विद्यार्थी को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया।
सत्रह सेकेंड के उस वीडियो में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेट के एक समूह को झंडारोहण स्थान के पास दो बार ‘अल्ला हू अकबर’ का नारा लगाते हुए सुना गया। 19 सेकेंड के एक अन्य वीडियो में एनसीसी कैडेट के एक समूह को एक भवन के सामने भारत माता की जय और वंदे मातरम का नारा लगाते सुना जा सकता है।
प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को इस विश्वविद्यालय के लोकाचार में ‘विपथन’ के तौर पर देखा जाना चाहिए क्योंकि शुक्रवार को विद्यार्थियों ने प्रधानमंत्री के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में ऑनलाइन हिस्सा लिया।
पुलिस अधीक्षक (नगर) कुलदीप सिंह ने कहा कि पुलिस ने इस घटना को संज्ञान में लिया है और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अधिकारियों को इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीश जमाई ने कहा कि यह पूरी घटना इस संस्थान को बदनाम करने का षड़यंत्र है। सच्चाई का पता लगाने के लिए इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जानी चाहिए।
नगर के भाजपा नेता निशीथ शर्मा ने कहा कि इस शुभ अवसर पर धार्मिक नारेबाजी एक बहुंत गंभीर मामला है।