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आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने चंद्रबाबू नायडू की तीन जमानत याचिकाओं को खारिज किया

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा विभिन्न मामलों में दायर तीन जमानत याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दीं।
नायडू ने अमरावती इनर रिंग रोड और अंगल्लू हमला मामलों में जमानत और ‘फाइबर नेट’ मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया था।
अमरावती इनर रिंग रोड मामला नायडू के शासन के दौरान राजधानी शहर अमरावती के मास्टर प्लान में कथित रूप से ‘हेरफेर’ करने तथा कई कंपनियों को कथित तौर पर अनुचित रूप से लाभ की पेशकश करने से संबंधित है।
अंगल्लू मामला अगस्त में तेदेपा प्रमुख द्वारा निकाली गई एक राजनीतिक रैली के दौरान हुए दंगों से जुड़ा है।

अन्नामय्या जिले के अंगल्लू और चित्तूर जिले के पुंगानुरु में पथराव, आगजनी और दंगे में तेदेपा और सत्तारूढ़ युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के समर्थक और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
फाइबरनेट मामला एक पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये के एपी फाइबरनेट प्रोजेक्ट के चरण -1 के तहत कार्य आदेश आवंटित करने में कथित निविदा हेरफेर से संबंधित है।
अपराध जांच विभाग ने आरोप लगाया कि निविदा आवंटित करने से लेकर पूरी परियोजना को पूरा करने तक अनियमितताएं हुईं, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।
इस बीच, विजयवाड़ा की एसीबी अदालत ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में नायडू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

साथ ही अदालत ने सीआईडी की उस याचिका को भी सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें इसी मामले में पूछताछ के लिए नायडू की हिरासत का अनुरोध किया गया था।
वर्तमान में नायडू कौशल विकास निगम घोटाला मामले में राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। नायडू (73) पर 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से धन के कथित दुरुपयोग का आरोप है जिससे राज्य के खजाने को 371 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ था।

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