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Badlapur sexual assault case: स्कूल चेयरमैन और सचिव की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज, HC ने पुलिस को लगाई फटकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले को संभालने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) को दो आरोपी स्कूल ट्रस्टियों को पकड़ने में असमर्थता के लिए फटकार लगाई। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने सवाल किया कि जो पुलिस आम तौर पर संदिग्धों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास करती है, वह इन लोगों को गिरफ्तार करने में कैसे कामयाब नहीं हुई है। 
अदालत क्या कहती है?

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महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया कि दोनों आरोपी अभी भी फरार हैं और उन्हें पकड़ा नहीं जा सका है। दोनों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस एक आरोपी को पकड़ने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। वे इन दोनों को कैसे नहीं पकड़ पाए? क्या वे अग्रिम जमानत मिलने का इंतजार कर रहे हैं? सराफ ने कहा कि पुलिस दोनों को पकड़ने के लिए सभी कदम उठा रही है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को तय की है।

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बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले में अध्यक्ष और सचिव समेत स्कूल के दो ट्रस्टियों को आरोपी बनाया गया है। घटना की तुरंत पुलिस को सूचना न देने और लापरवाही के लिए दोनों पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर में एक स्कूल के शौचालय के अंदर एक पुरुष परिचारक द्वारा चार और पांच साल की दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया। 

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