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NDA की कैबिनेट में Anupriya Patel ने फिर बनाई जगह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय संभालेंगी कार्यभार

उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर लोकसभा सीट से एक बार फिर अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने अपना परचम लहरा दिया है। इसी के साथ उन्हें बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के कैबिनेट में जगह दी गई है। अनुप्रिया पटेल बतौर राज्यमंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगी। सोनेलाल पटेल की राजनीति करने का दावा करने वाली अनुप्रिया के पति आशीष पटेल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
मोदी कैबिनेट में मंत्री अनुप्रिया पटेल का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में 28 अप्रैल 1981 को हुआ था। अनुप्रिया पटेल के पिता का नाम सोने लाल पटेल है। सोने लाल पटेल यूपी में अपना दल राजनीतिक पार्टी के संस्थापक थे। अनुप्रिया पटेल ने मनोविज्ञान में परास्नातक किया है और एमबीए की डिग्री हासिल की। उनकी तीन बहनें और हैं। पिता की मौत पर अनुप्रिया और उनकी तीनों बहनों ने सोनेलाल की अर्थी को कंधा दिया। राजनीतिक परिवार से होने के बाद भी अनुप्रिया पटेल राजनीति में नहीं आना चाहती थीं लेकिन उनके पिता सोने लाल पटेल की अचानक मौत के बाद अनुप्रिया पटेल ने राजनीति में कदम रखा और पिता की पार्टी संभाली। 
सोने लाल पटेल अपने दौर के बड़े नेताओं में शामिल थे। उन्हें बहुजन समाज पार्टी के संस्थापकों में भी गिना जाता है। लेकिन मायावती से मतभेद के बाद उन्होंने अपना दल की स्थापना की। जब 28 साल की अनुप्रिया ने राजनीति में कदम रखा तो उन्हें पिता की पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। उन दिनों अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल पार्टी की कमान संभाल रही थीं।  लेकिन आगे चलकर परिवार में तनाव हो गया और पार्टी दो भागों में बंट गई। अनुप्रिया ने अपना दल (एस) बना लिया। अनुप्रिया 2016 से 2019 तक केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री थीं। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में दूसरी बार वह 2021 से 2024 तक वाणिज्य राज्य मंत्री रहीं और तीसरी बार उन्हें फिर मौका मिला है। 
वह उत्तर प्रदेश के कुर्मी समाज के नेता रहे सोने लाल पटेल की बेटी हैं, जिन्होंने अपना दल की स्थापना की थी। सोने लाल पटेल के निधन के बाद अनुप्रिया ने अपनी मां कृष्णा पटेल के नेतृत्व में शुरू में पार्टी महासचिव का कार्यभार संभाला था। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने उत्तर प्रदेश में डॉक्टर अयूब के नेतृत्व वाली पीस पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा और सिर्फ एक सीट पर पार्टी को जीत मिली। वर्ष 2012 में अनुप्रिया पटेल पहली बार वाराणसी जिले के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुईं। बाद में अपना दल का भाजपा से गठबंधन हो गया और वह 2014 में मिर्जापुर से चुनाव लड़ीं और जीतीं। तब उनकी पार्टी के एक और सांसद कुंवर हरिवंश सिंह प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। 
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल फिर मिर्जापुर से चुनाव जीतीं और राबर्ट्सगंज से उनकी पार्टी के पकौड़ी लाल चुनाव जीते। इस बार पकौड़ी लाल की पुत्रवधू रिंकी कोल को अपना दल (एस) ने उम्मीदवार बनाया लेकिन वह चुनाव हार गयीं। वर्ष 2014 के बाद पारिवारिक मतभेद बढ़ने से अपना दल दो गुटों में विभाजित हो गया। अब एक गुट अपना दल (कमेरावादी) का नेतृत्व अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल करती हैं जिसमें उनकी बड़ी बहन पल्लवी पटेल भी हैं। अनुप्रिया अपना दल (सोनेलाल) का नेतृत्व करती हैं और राज्‍य विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से उनकी पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

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