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उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को दो मुफ्त रसोई गैस सिलेण्डर रिफिल दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी

उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को दो मुफ्त रसोई गैस सिलेण्डर रिफिल दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को दो निःशुल्क रसोई गैस सिलेण्डर रिफिल देने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस योजना के तहत अक्टूबर-दिसम्बर 2023 तथा जनवरी-मार्च 2024 में लाभार्थियों को मुफ्त सिलेण्डर रिफिल वितरित किये जाएंगे। इस योजना पर राज्य सरकार हर साल 2312 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
उन्होंने बताया कि राज्य में 1.75 करोड़ परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ दिया जाएगा। इनमें से प्रथम चरण में आधार प्रमाणित लाभार्थियों को निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल का वितरण किया जाएगा।

उसके बाद जैसे-जैसे लाभार्थियों के आधार प्रमाणित होते जाएंगे, उसी क्रम में उन्हें उक्त योजना के तहत मुफ्त सिलेण्डर दिये जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत लाभार्थी को खुद भुगतान कर 14.2 किलोग्राम का सिलेण्डर रिफिल खरीदना होगा, उसके पांच दिन के बाद सब्सिडी उसके आधार प्रमाणित खाते में भेजी जाएगी।
यह योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत जारी होने वाले सिर्फ एक कनेक्शन पर लागू होगी।

मंत्रिमण्डल ने एक अन्य अहम फैसले में मिर्जापुर, सोनभद्र और महराजगंज में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। मंत्रिमण्डल ने जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिये मिर्जापुर में संस्कृति विभाग की 4.046 हेक्टेयर जमीन, सोनभद्र में 2.828 हेक्टेयर भूमि तथा महराजगंज में 0.506 हेक्टेयर भूमि को समाज कल्याण विभाग के अधीन संचालित ‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश लखनऊ (टीआरआई)’ के पक्ष में आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है।

उत्तर प्रदेश में 15 अनुसूचित जनजातियां सूचीबद्ध हैं, जो प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में रहती हैं। इनमें भौगोलिक असमानता के साथ-साथ रीति-रिवाज, रहन-सहन, खान-पान, कला इत्यादि क्षेत्रों में पर्याप्त विविधता पायी जाती है। सरकार ने इसे संरक्षित करने के लिये जनजातीय संग्रहालय स्थापित करने का निर्णय लिया है।
प्रवक्ता के मुताबिक मंत्रिमण्डल ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था को नया आयाम देने के प्रयास के तहत प्रदेश की उचित दर की दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन सहित ई-पॉस मशीनों की स्थापना और संचालन सम्बन्धी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
इसके तहत प्रदेश के उचित दर की सभी 79 हजार दुकानों में ई—कांटे से लिंक उन्नत ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिये ‘सिस्टम इन्टीग्रेटर’ संस्थाओं का चयन खुली निविदा के जरिये किया गया है। नयी ई-पॉस मशीनें 4-जी सिम से चलेंगी। ये मशीनें ‘फिंगरप्रिन्ट एवं आईरिस स्कैनर’ से लैस हैं।
इन मशीनों से उचित दर विक्रेताओं को उनकी आमदनी बढ़ाने वाली अन्य कम्प्यूटरीकृत सेवाएं भी उपलब्ध करायी जा सकेंगी।

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