केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर पीएम मोदी के जोर का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने जो कहा है, हालांकि देर हो चुकी है लेकिन कभी नहीं से देर बेहतर है। वह जो करने की कोशिश कर रहे हैं उसे (यूसीसी) संविधान में सरकार का कर्तव्य बताया गया है। लोग कहते हैं कि हमारा राष्ट्रीय धर्मग्रंथ हमारा संविधान है तो फिर समान नागरिक संहिता का विरोध क्यों?
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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इससे पहले भी लगातार समान नागरिक संहिता पर अपनी राय रखते नजर आए हैं। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हिंदू कोड बिल को अब 7 दशक से ज्यादा समय हो गया है। केरल के राज्यपाल ने कहा कि यह हिंदू, सिख, बौद्ध और जैनियों पर समान रूप से लागू होता है। क्या वह उन सभी के बीच एकरूपता पैदा करने में सक्षम है? हिंदुओं में भी नहीं।
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केरल में जिस तरह से विवाह संपन्न किया जाता है, वह उत्तर प्रदेश में जिस तरह से संपन्न किया जाता है, उससे अलग है। ऐसे किसी भी कानून का संबंध आपके विवाह के तरीके, रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और प्रथाओं से नहीं हो सकता है। वे कानून द्वारा लक्षित नहीं हैं।
#WATCH मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने जो कहा है, हालांकि देर हो चुकी है लेकिन कभी नहीं से देर बेहतर है। वह जो करने की कोशिश कर रहे हैं उसे(UCC) संविधान में सरकार का कर्तव्य बताया गया है। लोग कहते हैं कि हमारा राष्ट्रीय धर्मग्रंथ हमारा संविधान है तो फिर समान नागरिक संहिता का… pic.twitter.com/jIZKkGY9hl