अरुणाचल प्रदेश के तेजू एयरपोर्ट को नया टर्मिनल मिल गया है। केंद्रीय नागरिक उद्यान मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को लोहित स्थित तेजू एयरपोर्ट की नई टर्मिनल का उद्घाटन किया है। इसे नहीं टर्मिनल के उद्घाटन के मौके पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उपस्थित रहे।
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में तेजू एयरपोर्ट पर एक ही रनवे है जिसका संचालन किया जा रहा है। अगर तेजू एयरपोर्ट के क्षेत्र की बात की जाए तो यह एयरपोर्ट कल 212 एकड़ में फैला हुआ है। बता दें कि तेजू एयरपोर्ट में किए गए विकास को करने में लगभग 120 करोड रुपए की लागत आई है। वर्तमान में इंफाल, गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ के लिए तेजू एयरपोर्ट से सीधी फ्लाइट उपलब्ध है। इन तीनों जगह के लिए फ्लाइट मौजूद होने से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में इजाफा हुआ है। तेजू एयरपोर्ट के टर्मिनल का उद्घाटन करने के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में यह कनेक्टिविटी बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ ही क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी इसका योगदान महत्वपूर्ण होगा। बता दें कि उत्तर पूर्व क्षेत्र में सिर्फ 9 एयरपोर्ट हुआ करते थे मगर वर्तमान में कुल 17 एयरपोर्ट यहां पर है।
इस एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के शुभारंभ के मौके पर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घोषणा की कि इस साल अक्टूबर में अरुणाचल प्रदेश में तीन हवाई मार्गों पर विमानों का परिचालन शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की ‘उड़ान-5’ योजना के तहत होलोंगी के डोनी पोलो हवाई अड्डे (ईटानगर)से नयी दिल्ली के बीच उड़ान सेवा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ईटानगर से असम के जोरहाट के बीच एवंईटानगर से पूर्वी सियांग के रुसिन के बीच विमान सेवा शुरू की जाएगी। ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) योजना क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना है जिसके तहत छोटे क्षेत्रीय हवाई अड्डों को विकसित किया जा रहा है ताकि आम नागरिक भी हवाई सफर कर सके।
तेजू हवाई अड्डा अरुणाचल में डोनी पोलो, पासीघाट और जीरो के बाद चौथा और पूर्वोत्तर में 17वां हवाई अड्डा है। मंत्री ने कहा कि गत 65 साल में देश में केवल 74 हवाई अड्डे थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार ने गत नौ साल के अपने शासन में 75 नए हवाई अड्डे बनाए हैं। सिंधिया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी और मुख्यमंत्री पेमा खांडू अरुणाचल को नयी ऊंचाई पर ले जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की दशकों से अनदेखी की गई लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद कई अहम परियोजाएं क्षेत्र में शुरू की। उन्होंने कहा कि भारत के मुकुट में यह क्षेत्र अहम मणि है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश के साथ मेरा नाता बहुत पुराना है। जब मेरी दादी के एक रिश्तेदार 1960 के दशक में यहां मेजर जनरल के तौर पर तैनात थे तब भारत सरकार ने उन्होंने एक सीमावर्ती गांव का नामकरण करने का मौका दिया था जो अब ‘विजॉय नगर’ नाम से प्रसिद्ध है।’’
अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डे पर नवनिर्मित अवसंरचना में रनवे का विस्तार, नया एप्रोन, नया टर्मिनल इमारत, अग्निशमन स्टेशन और एटीसी टावर शामिल है जिसपर करीब 170 करोड़ रुपये की लागत आई है। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे को 212 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है और यहां से एटीआर-72 विमान परिचालित किया जा सकता है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने हवाई अड्डे का उन्नयन कार्य किया है। हवाई अड्डे पर 2018 से ही ‘उड़ान योजना’ के तहत विमानों का परिचालन किया जा रहा है। इस समय यहां से डिब्रूगढ़, इंफाल और गुवाहाटी के लिए नियमित उड़ान मौजूद है।