प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीएनएन को दिये साक्षात्कार में भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर चिंता जताई थी। बराक ओबामा ने कहा था कि अगर मैं प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करता तो मैं उनसे कहता कि अगर वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करेंगे, तो भारत के टूटने की संभावना बनी रहेगी। ओबामा ने राष्ट्रपति जो बाइडन को भी सलाह दी कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनसे भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर बात करें। इस साक्षात्कार को लेकर भारत में राजनीति तेज हो गयी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने जहां ओबामा पर कटाक्ष किया है तो वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ओबामा की बातों के समर्थन में उतर आये हैं।
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ओवैसी ने कहा कि ओबामा ने जो कहा वह एकदम सही है क्योंकि सीएए लाकर मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया गया, मणिपुर में अल्पसंख्यकों के धर्मस्थलों को नुकसान पहुँचाया गया, 300 से ज्यादा सांसदों वाली पार्टी भाजपा ने अपनी सरकार में एक भी मुस्लिम को मंत्री नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि ओबामा ने जो सवाल उठाये हैं उसमें दम है। उन्होंने कहा कि लगातार ऐसी राजनीति की जाती है ताकि ध्रुवीकरण हो और समाज में मतभेद बढ़ें।