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Asaduddin Owaisi ने हिंदू एकता संबंधी टिप्पणी के लिए मोहन भागवत पर निशाना साधा

हैदराबाद । ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी की आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू समाज को आंतरिक मतभेदों को मिटाकर अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। ओवैसी ने आरोप लगाया कि संघ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही देश में हिंदुओं, मुसलमानों और अन्य लोगों को खतरा पैदा कर रहे हैं। ओवैसी ने रविवार रात तेलंगाना के निजामाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में न तो हिंदुओं और न ही मुसलमानों को किसी तरह का खतरा है। 
उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों, हिंदुओं, दलितों, आदिवासियों, सिखों, ईसाइयों को नरेन्द्र मोदी और मोहन भागवत से खतरा है।’’ भागवत ने कहा था कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और भाषाई, जातीय और क्षेत्रीय विवादों को मिटाकर हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा। भागवत ने शनिवार शाम को राजस्थान के बारां में ‘स्वयंसेवक एकत्रीकरण’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘हिंदू सभी को गले लगाते हैं। वे निरंतर संवाद के माध्यम से समरसता के साथ रहते हैं।’’ एआईएमआईएम प्रमुख ने आरोप लगाया कि मोदी ने सत्ता में रहने के दौरान हिंदुओं, मुसलमानों और अन्य लोगों को परेशान किया है। 
ओवैसी ने कहा कि मोदी झारखंड में जनसांख्यिकी परिवर्तन की बात करते हैं, जबकि देश बड़े पैमाने पर बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। ओवैसी ने दावा किया कि चीन ने देश के 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, लेकिन भागवत इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। ओवैसी ने फलस्तीन के मुद्दे पर अपना रुख बरकरार रखते हुए मोदी से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव बनाने और युद्धविराम के लिए कोशिश करने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि नेतन्याहू सरकार ने सात अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद से 40,000 से अधिक फलस्तीनियों को मार डाला है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने प्रधानमंत्री मोदी जी से आग्रह करता हूं कि बेंजामिन नेतन्याहू को समझाएं, (पश्चिम एशिया में) युद्धविराम के लिए दबाव डालें। भले ही 12-15 लाख फलस्तीनियों ने अपने घर खो दिए हैं, लेकिन मैंने उनका साहस देखा है, वे मौत से नहीं डरते।’’ ओवैसी ने इससे पहले, 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद, फलस्तीन के समर्थन में सदन में नारा लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था। वहीं, सत्ता पक्ष ने उनका विरोध करते हुए हंगामा किया था। हालांकि इसके बाद, उनकी टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया था। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने अपने नारे को उचित ठहराया था और कहा था कि ‘‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फलस्तीन’’ का नारा लगाकर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया।

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