राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहता है। यही कारण है कि दोनों दलों के बीच वार-पलटवार की राजनीति भी जारी है। इन सब के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा का राजस्थान में नेता कौन होगा? उन्होंने कहा कि अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कह रहे थे कि अभी दिल्ली से नेता आकर चुनाव लड़ेंगे। जनता उनसे पूछेगी कि क्या चुनाव के बाद जो फैसले होंगे वह दिल्ली से होंगे?
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इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि यह स्थिति है कि आप (भाजपा) बता (नहीं सकते) कि राजस्थान में नेता कौन है? उन्होंने कहा कि हमारी योजनाओं को अन्य सरकारें अपने घोषणा पत्र में डाल रही है… कांग्रेस भारी बहुमत से विजय होगी। जनता इस बार फिर कांग्रेस की सरकार वापस लाएगी। आपको बता दें कि भाजपा ने गुरुवार को राजस्थान के लिए दो प्रमुख चुनाव समितियों की घोषणा की थी। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे इनमें से किसी भी पैनल का हिस्सा नहीं हैं। इसको लेकर एक अलग तरह की चर्चा शुरू हो गई है। वसुंधरा राजे राजस्थान में पार्टी का चेहरा रही है और दो बार मुख्यमंत्री भी चुकी हैं।
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विवाद बढ़ने पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वसुंधरा राजे हमारी वरिष्ठ नेता हैं…हमने उन्हें कई कार्यक्रमों में शामिल किया है और भविष्य में भी उन्हें हम शामिल करते रहेंगे। बड़ा सवाल यह भी है कि वसुंधरा राजे को लेकर क्या जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसको लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वह राज्य में लगातार प्रचार करेंगी। वसुंधरा राजे 5 बार की विधायक हैं और दो बार राज्य की मुख्यमंत्री रही हैं। भाजपा के बड़े चेहरों में उनका नाम है। साथ ही साथ उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री चेहरा बनाने का तलाव पार्टी नेतृत्व पर लगातार डाल रहे हैं।