भारतीय जनता पार्टी से जुड़े अश्विनी वैष्णव को मोदी कैबिनेट में फिर से जगह दी गई है। पूर्ववर्ती मोदी सरकार में उनके पास रेल, इलैक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय थे।
वैष्णव का जन्म 18 जुलाई 1970 को राजस्थान के जोधपुर जिले में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे जोधपुर चले गए। जहां से उन्होंने बीटेक की डिग्री गोल्ड मेडल के साथ फिर 1994 में आईआईटी कानपुर से MTech की डिग्री प्राप्त की। इसी वर्ष उड़ीसा कैडर से उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया। आईएएस अधिकारी रहे वैष्णव ने उड़ीसा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बतौर जिलाधिकारी में कार्य किया है। राज्य में 1999 में आए सुपर साइक्लोन के दौरान उन्हें वास्तविक समय और स्थान के डाटा को एकत्र करके लोगों की सुरक्षा की जानकारी सरकार को देनी थी। इस जिम्मेदारी का उन्होंने बखूबी निर्वाहन किया।
इसके बाद 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान वे उप सचिव के रूप में नियुक्त किए गए। वाजपेयी के 2004 में चुनाव हारने के बाद उन्होंने उनके निजी सचिव के रूप में भी काम किया। सचिव के रूप में कार्य करते हुए ही उनकी पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हुई। सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद 2008 में वैष्णव ने एमबीए कर निजी क्षेत्र में कदम रखा। जिसके तहत उन्होंने 2012 में गुजरात में तीन टी ओटी लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड और वीजी ऑटो कॉम्पोनेंट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक दो ऑटोमेटिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना की।
मोदी 2.0 के दौरान वैष्णव ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। जहां वे उड़ीसा से राज्यसभा के सदस्य चुनकर संसद भवन में पहुंचे। इस दौरान सर्वप्रथम वैष्णव को उप-विधि और याचिकाओं की समिति और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की पर्यावरण और वन समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। 2021 की जुलाई में जब मोदी सरकार के कैबिनेट का पुनर्गठन हुआ, तो वैष्णव को रेल मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और संचार जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई।