असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने रविवार को कहा कि खालिस्तान समर्थक समूह द्वारा मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा को दी गई धमकी को बहुत गंभीरता से लिया गया है।
कुछ पत्रकारों को भेजे गए एक कथित ऑडियो क्लिप में ‘सिख फॉर जस्टिस’ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को शर्मा को धमकी देते हुए सुना गया। पन्नू सरकार द्वारा घोषित आतंकवादी है।
डीजीपी ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की संबंधित धाराओं के तहत एसटीएफ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को भी उभरते खतरों के मद्देनजर सतर्क किया गया है। सिंह ने कहा, ‘‘असम पुलिस द्वारा इस खतरे को काफी गंभीरता से लिया गया है। केंद्रीय एजेंसियों को इस मुद्दे पर अवगत कराया गया है।’’
खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के कुल आठ सहयोगी वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में बंद हैं। 19 मार्च से जेल में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जब ‘वारिस पंजाब दे’ के चार सदस्यों को वहां लाया गया था।