असम सरकार ने सोनितपुर जिले के बरछल्ला में 50 मेगावॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का बृहस्पतिवार को फैसला किया, जहां पिछले साल एक अभियान में 1,000 बीघा भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गई थी।
यह निर्णय मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम बरछल्ला में 50 मेगावॉट का सौर पार्क बनाएंगे, जहां पिछले साल अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था। यह भविष्य में अतिक्रमण की किसी भी संभावना से क्षेत्र की रक्षा करेगा।’’
तीन सितंबर को, असम सरकार ने 1,000 बीघा भूमि पर अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया था, जहां 299 परिवार रह रहे थे। प्रभावित परिवारों में से अधिकांश बंगाली थे और वे वहां वर्षों से रह रहे थे।
मंत्रिमंडल ने एक बंद नदी सर्किट को भी मंजूरी दी, जो सागरमाला परियोजना के तहत पांच तीर्थस्थलों – कामाख्या, दौल गोबिंद, अश्वकलंता, उमानंद और पांडु नाथ को जोड़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘एक नौका इन क्षेत्रों को एक हॉप-ऑन हॉप-ऑफ सेवा के माध्यम से जोड़ेगी। यह राज्य सरकार और केंद्र के बीच एक संयुक्त उद्यम होगा। राज्य की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत होगी और 55 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र के पास होगी।’’
बरुआ ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने 4,362 करोड़ रुपये की लागत से 44 लाख घरों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि यह 5,000 तकनीशियन और 2,000 अनुसंधान एजेंट के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।’’
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) प्रमाणपत्र अब से हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एचएसएलसी) और हायर सेकेंडरी के बराबर होंगे।
बरुआ ने कहा, ‘‘इसके लिए बोर्ड को भी अधिकार दिए जाएंगे। यह असम में तकनीकी शिक्षा पर एक बड़ा फैसला है।’’ उन्होंने आगे कहा कि मंत्रिमंडल ने कामरूप जिले के हाजो में एनडीआरएफ की एक बटालियन स्थापित करने के लिए 227 बीघा जमीन आवंटित करने का फैसला किया है।
बरुआ ने कहा, ‘‘किसी जिले में निरीक्षकों का स्थानांतरण अब जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा किया जा सकता है। वर्तमान प्रणाली के तहत गुवाहाटी में पुलिस मुख्यालय इनका स्थानांतरण करता है।