असम में कांग्रेस सहित 12 विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल) की ‘संभावित बंदी’ को रोकने और नामरूप में इसकी प्रस्तावित चौथी इकाई के निर्माण को सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
एक ज्ञापन में राजनीतिक दलों ने कहा कि वे बीवीएफसीएल को बंद करने के केंद्र सरकार के विचार को लेकर आ रही हालिया खबरों से बहुत चिंतित हैं। बता दें कि बीवीएफसीएल नामरूप में पूर्वी भारत की एकमात्र यूरिया विनिर्माण कंपनी है और केंद्र सरकार ने नीति आयोग के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अधिकारी समूह की सिफारिशों पर इसे बंद करने का फैसला किया है।
ज्ञापन में कहा गया, कंपनी के ऐतिहासिक महत्व और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में योगदान को देखते हुए इस फैसले ने असम के लोगों में डर और अनिश्चितता को बढ़ा दिया है।
विपक्षी दलों ने ज्ञापन में कहा कि बीवीएफसीएल के भविष्य पर दो अलग-अलग केंद्रीय मंत्रियों के हालिया विरोधाभासी बयानों ने लोगों के मन में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 25 जुलाई को एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार की बीवीएफएसीएल को बंद करने की कोई मंशा नहीं है बल्कि इस सुविधा केंद्र को आधुनिक बनाने की योजना है।
हालांकि यह बयान 21 जुलाई को लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा पूछे गए एक सवाल पर रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा द्वारा दिए गए जवाब से मेल नहीं खाता है।खुबा ने अपने जवाब में कहा था कि नीति आयोग ने आत्मनिर्भर भारत के लिए नई सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (पीएसई) नीति के हिस्से के रूप में बीवीएफसीएल को बंद करने की सिफारिश की है।
ज्ञापन में कहा गया, इस घटनाक्रम के मद्देनजर हम आपसे (राज्यपाल से) भारत सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाने और कंपनी को बंद करने से संबंधित लोगों की चिंताओं और नामरूप-4 में प्रस्तावित चौथी इकाई के निर्माण को शुरू करने की पहल करने का आग्रह करते हैं।