बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने उत्तराखंड तथा उसके बाहर अपनी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वाले 188 अतिक्रमणकारियों को सोमवार को नोटिस जारी किये और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
मंदिर समिति की न सिर्फ उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में, बल्कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भी संपत्ति है। ये संपत्ति श्रद्धालुओं द्वारा बद्रीनाथ और केदारनाथ को चढ़ावे के रूप में दान दी गई थीं।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि 2022 में कार्यभार संभालने के बाद तुरंत बाद उनके संज्ञान में आया कि राज्य के भीतर और बाहर मंदिर समिति के स्वामित्व वाली कई संपत्ति पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
अजय ने कहा, ‘‘मैंने ऐसी संपत्ति और उन पर अवैध कब्जा करने वालों की विस्तृत जानकारी मांगी। कुल 188 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया है। ऐसे कुछ अतिक्रमणकारियों की पहचान की गई है। हम उन्हें भी जल्द नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं। अगर उन्होंने तत्काल हमारी संपत्ति को खाली नहीं किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि पिछले साल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जिन्होंने हमारी जमीन, धर्मशाला या वाणिज्यिक जगह को पट्टे पर लिया था, लेकिन अनुबंध की शर्तों के अनुसार किराए का भुगतान नहीं कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इन लोगों से 22 लाख रुपये वसूले गए हैं।
बद्रीनाथ के नाम पर बीकेटीसी के पास महाराष्ट्र के मुरादनगर में 17 एकड़ जमीन, लखनऊ में 11,020 वर्ग फुट जमीन, रामनगर में 42 बीघा जमीन के अलावा देहरादून, चमोली और हल्द्वानी में भी संपत्ति है।