छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि अडाणी ग्रुप में कथित अनियमितता का हिंडनबर्ग द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद उसकी (अडाणी ग्रुप) कंपनियों के शेयर गिरने के बाद भी सरकारी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) उसमें निवेश करते रहे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि क्या राष्ट्रीय पेंशन योजना में सरकारी कर्मचारियों द्वारा जमा की गयी रकम भी गौतम अडाणी ग्रुप में लगा दी गयी?
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ‘‘जब हम भाजपा के खिलाफ बोलते हें तो हमें हिंदू विरोधी करार दिया जाता है और जब प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री के विरूद्ध बोलते हैं तो हमें राष्ट्र-विरोधी करार दिया जाता है। अब तो (अडाणी ग्रुप से) टिप्पणी आयी है कि वह (हिंडनबर्ग) भारत विरोधी है। वह (अडाणी ग्रुप) कह रहा है कि यह अडाणी पर नहीं बल्कि भारत पर हमला है। भारत कौन है? क्या अडाणी जी भारत हैं?’’
कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ छत्तीसगढ़ ने एनपीएस में जमा किये गये 17000 करोड़ रुपये पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए मांगे थे लेकिन वह हमें नहीं दिया गया। मुझे संदेह है कि यह धनराशि (अडाणी ग्रुप) में लगा दी गयी। एलआईसी, एसबीआई और यूटीआई धन प्रबंधक हैं। अब जब पूरा शेयर बाजार धड़ाम गिर गया, यहां तक कि एलआईसी में लगी राशि भी एवं खरीदे गये शेयर भी गिर गये तो जोखिम समझिए।’’
भारत सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक विशेषज्ञों को भी वर्तमान स्थिति पर बोलना चाहिए।