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बजरंग दल विवाद : पुलिसकर्मियों ने ‘खाकी का भी तो मान है ना’ का वॉट्सऐप स्टेटस लगाया

 इंदौर में नशा माफिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज को लेकर जारी विवाद के बीच शुक्रवार को कई पुलिसकर्मियों ने अपने वॉट्सऐप खाते पर ‘‘खाकी का भी तो मान है ना’’ का स्टेटस लगाकर एकजुटता दिखाई। स्टेटस लगाने वाले पुलिसकर्मियों में आरक्षक से लेकर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अफसर शामिल हैं।
सरकारी सेवा के अनुशासन का हवाला देते हुए पुलिसकर्मी इस स्टेटस के सबब को लेकर खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर उनके इस कदम को बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज के विवाद को लेकर पुलिसकर्मियों की एकजुटता का संकेत माना जा रहा है।

इस स्टेटस के वायरल होने के बाद बजरंग दल के स्थानीय संयोजक तन्नू शर्मा ने सोशल मीडिया पर शुक्रवार रात जवाबी पोस्ट किया, वर्दी का सम्मान है और रहेगा, पर वर्दी की आड़ में युवक-युवतियों को ड्रग्स परोसने वालों को बचाना…ऐसे तो इंदौर को बर्बाद नहीं होने देंगे।गौरतलब है कि बजरंग दल द्वारा पलासिया चौराहे पर 15 जून को देर रात यह आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था कि नशे के अवैध कारोबार में शामिल लोगों की शिकायत किए जाने पर इन व्यक्तियों की शह पर संगठन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
चश्मदीदों ने बताया कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं के घंटे भर तक चले धरना-प्रदर्शन से इस बेहद व्यस्त चौराहे पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं और यातायात बाधित हुआ था।
पुलिस के एक अफसर ने बताया कि जब समझाए जाने के बाद भी धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम खत्म नहीं किया गया, तो हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाया गया था।

लाठीचार्ज को लेकर सूबे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेताओं ने तीखा आक्रोश जताया था।
इसके बाद प्रदेश सरकार ने एक पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और एक थाना प्रभारी को लाठी चार्ज के अगले ही दिन मैदानी तैनाती से हटा दिया था, जबकि विहिप ने डीसीपी समेत पांच पुलिस अफसरों को 48 घंटे के भीतर सेवा से बर्खास्त करने की मांग की थी।
एक अधिकारी ने बताया कि लाठीचार्ज की घटना को लेकर भोपाल के एक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) द्वारा की जा रही जांच के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों की ओर से अलग-अलग दावे और दलीलें पेश की गई हैं।
सूबे के गृह मंत्री ने सोमवार को कहा था कि इस घटना की जांच के आधार पर‘‘उचित कार्रवाई’’ सुनिश्चित की जाएगी।

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