ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रिपल ट्रेन हादसे के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में 52 शवों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है। 2 जून को ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना की दुखद घटना जिसमें चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी, ने 293 लोगों की जान ले ली और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए। शवो को लेकर बड़ी जानकारी मिली है।
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भुवनेश्वर नगर निगम की मेयर सुलोचना दास ने बताया कि एम्स में 81 शव रखे गए हैं। दावेदार कई थे इसलिए शव नहीं दिए जा सके। उन्हें डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया। सैंपल दिल्ली भेजे गए और 29 में पुष्टि हुई है। 5 परिवार शव लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी आदेशों के अनुसार, परेशानी मुक्त दाह संस्कार प्रक्रिया आयोजित की जानी है। शवों को उनके मूल क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। हमने इसके लिए कारों की व्यवस्था की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन शवों पर दावा नहीं किया गया है, उनका भी अंतिम संस्कार किया जाएगा। उसके लिए हमने दो श्मशान घाट तैयार किये हैं।
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चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी दो जून को बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास एक घातक दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इसमें 293 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें से 287 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। छह अन्य की मौत विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई। अधिकारी ने बताया कि अधिकतर लोगों के शवों को सौंप दिया गया था। भुवनेश्वर एम्स में तीन कंटेनर में इन 81 शवों को रखा गया, क्योंकि इनकी पहचान नहीं हो पाई थी। शवों को संरक्षित रखने के लिए इन कंटेनर में तापमान शून्य से 17 डिग्री सेल्सियस नीचे रखा गया है।