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एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन अजित पवार गुट के साथ है। क्षेत्र में एक समय कद्दावर नेता रहे शरद पवार की पूरी राजनीतिक शक्ति अजित पवार के हाथों में चली गई है। चुनाव को लेकर अजित क्षेत्र में बड़ी रैलियां के साथ-साथ नुक्कड़ सभाएं भी कर रहे हैं। उनकी रैलियों में उमड़ रही भीड़ से पता चल रहा है कि क्षेत्र में अब उनका दबदबा धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
पार्टी के लिए कड़ी धूप में मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इस चुनाव में घर-घर जाकर वोट मांगे हैं जिससे सुनेत्रा पवार इस चुनाव में काफी बढ़त बनाए हुए हैं। एनसीपी और भाजपा के गठबंधन पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब हम महायुति के सदस्य हैं और कार्यकर्ता जमीन पर एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुनेत्रा पवार लगभग 1,00,000 से अधिक वोटों से चुनाव जीत रही हैं। 15 साल सांसद रहीं सुप्रिया सुले को लेकर लोग अब बदलाव चाहते हैं। कार्यकर्ताओं का दावा है कि केंद्र में मोदी सरकार आने पर सुनेत्रा पवार को मंत्री भी बनाया जा सकता है।
अजित पवार के बारे में लोगों की धारणा है कि वे सुबह 5:00 बजे उठकर क्षेत्र में भ्रमण करने निकल जाते हैं और लोगों से उनकी समस्याएं पूछते हैं और उनका समाधान करने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा वे लोगों से सामने से जाकर उनकी समस्याएं पूछते हैं। मतदाता बारामती सीट पर तो बदला चाहते हैं लेकिन केंद्र में फिर से मोदी सरकार की वापसी की आस लगाए हैं। दूसरे एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अजित दादा समाज के सभी घटकों को लेकर चलते हैं इसलिए उनकी जीत सुनिश्चित है। लोगों की धारणा है कि अजित दादा जो बोलते हैं वो करके भी दिखाते हैं।