चुनाव यात्रा के दौरान प्रभासाक्षी की टीम पश्चिम बंगाल पहुंची। जहां राज्य के एक बड़े औद्योगिक केंद्र बैरकपुर में भारतीय जनता पार्टी के सांसद अर्जुन सिंह से हमारे एडिटर नीरज कुमार दुबे ने बात की।
सांसद ने कहा कि उन्हें बातों से ज्यादा काम करने में भरोसा है और उन्होंने अपनी सांसद निधि का पूरा पैसा क्षेत्र के विकास में खर्च किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने जूट मिलों में काम करने वाले मजदूरों के लिए काफी लड़ाई लड़ी है और इस बार उनकी पहली प्राथमिकता उन गरीब और वंचित तबके के मिल मजदूरों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनके रहने की जगह का निश्चित बंदोबस्त करना है। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की है।
सांसद सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्र सरकार की तरफ से जो भी फंड दिया जाता है। उसे लेने से सरकार कोई गुरेज नहीं करती है लेकिन जो पैसा सीधे लाभार्थियों के खातों में जाना होता है तो राज्य सरकार उन योजनाओं को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करती। इसलिए उनकी पार्टी राज्य में 30-35 सीट जीतने का लक्ष्य बना रही है। जिससे राज्य सरकार के इस दोगलेपन पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों की वजह से केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में विकास नहीं कर पाती है।
राज्य में राजनीतिक हिंसा को लेकर सांसद ने कहा कि यह हिंसा ‘स्टेट स्पॉन्सर क्राइम’ है। जो सरकार और पुलिस दोनों मिलकर करते हैं। इसके लिए उन्होंने कहा कि राज्य में अच्छी औद्योगिक नीति और उद्योग ना होने के कारण इस तरह के अपराधों में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा उन्होंने सरकार में बैठे लोगों पर उगाही करने का भी आरोप लगाया है। चुनाव में उम्मीदवारों के नीचे सरकार की योजनाओं पर लिखे खर्चे पर अर्जुन सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे जनता भड़क सकती है। क्योंकि लोगों को पोस्टर में लिखी किसी भी योजना का सीधा लाभ नहीं मिलता है।
उन्होंने बंगाल सरकार पर मिड-डे मील योजना में स्कैम करने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि शासन-प्रशासन मिलकर बड़े स्तर पर मिड-डे मील घोटाला कर रहा है। जो जल्द ही उजागर होगा। राम मंदिर को लेकर सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि मंदिर निर्माण में मुसलमान और हिंदू दोनों ने अपनी इच्छानुसार दान दिया है। जो प्रधानमंत्री मोदी की सबका साथ-सबका विकास नीति को दिखाता है। जो कांग्रेस द्वारा हिंदू-मुसलमानों में किए गए विभाजन को खत्म करता दिख रहा है। यह विभाजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ही समाप्त हुआ है।