भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजीत पवार को बदनाम कर रहे हैं और उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं।
पवार के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच बावनकुले ने कहा कि पवार से वे पिछले तीन महीनों से नहीं मिले हैं और वह भी सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नहीं मिले हैं।
बावनकुले ने पत्रकारों से कहा, “एमवीए के नेता अजीत पवार को बदनाम कर रहे हैं। वे पवार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। सुबह के शपथ ग्रहण से (जब पवार ने 2019 में देवेंद्र फडणवीस के साथ गठबंधन किया था) अब तक, उनके जीवन, ईमानदारी और काम पर सवालिया निशान उठाए जा रहे हैं।”
पिछले कुछ हफ्तों में राकांपा नेता को लेकर लगाई गई अटकलों को लेकर वह पवार के अगले कदम के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे, क्योंकि राकांपा नेता ने अपने कुछ कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और लोगों से किसी भी तरह के संपर्क को बंद कर करने के बाद शुक्रवार को मुंबई में पार्टी के एक दिवसीय सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए।
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख ने दावा किया, “एमवीए के नेता जानबूझकर उन्हें कटघरे में खड़ा (घेरने के लिए) करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं अजीत पवार पर ऐसा कोई बयान नहीं दूंगा जिससे उनकी विश्वसनीयता या छवि प्रभावित हो। अजीत पवार ने कभी हमसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश नहीं की।”
बावनकुले ने मीडिया में आई इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि राकांपा के 13 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।
फडणवीस और पवार ने 23 नवंबर, 2019 को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन सरकार 28 नवंबर को बहुमत साबित किए बिना गिर गई।
पवार राकांपा में वापस चले गए और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया जो बाद में गिर गई थी।
महा विकास आघाड़ी में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं।