भारतीय जनता पार्टी की सांसद अपराजिता सारंगी ने शनिवार को बेलगावी घटना को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को एक जघन्य अपराध हुआ। 42 साल की एक महिला को घर से खींचकर बाहर निकाला गया, उसे नंगा किया गया, उसकी परेड करायी गयी, उसे घसीटकर एक पहाड़ी पर लगे बिजली के खंभे के पास ले जाया गया। पड़ोसियों के सामने उस पर बेरहमी से हमला किया गया… जब महिला सो रही थी तो 15 से अधिक लोग उसके घर में घुस आए थे।
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अपराजिता सारंगी ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह एक आदिवासी समाज है इसलिए यहां अधिक सख्ती की जरूरत है… कार्रवाई दो प्रकार की होती है, पहली निवारक और दूसरी दंडात्मक। अब दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है क्योंकि 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है… रोकथाम कहां थी? कांग्रेस ने ऐसा सकारात्मक माहौल क्यों नहीं बनाया कि कोई व्यक्ति ऐसा जघन्य अपराध करने से डरे? इससे पहले, अपराजिता सारंगी, सुनीता दुग्गल, रंजीता कोली, लॉकेट चटर्जी और भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा की पांच सदस्यीय भाजपा तथ्य-खोज टीम ने शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि जिसने यह अपराध किया है उसकी पृष्ठभूमि कांग्रेस पार्टी की है, वह यहां के मंत्रियों से भी जुड़ा हुआ है। इससे साफ हो गया है कि पुलिस की कार्रवाई में वक्त क्यों लगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के यहां प्रतिनिधिमंडल भेजने के बाद उन्होंने एफआईआर में धाराएं बदल दीं। दहशत का माहौल है। लॉकेट चटर्जी ने कहा कि यहां कोई भी बयान देने को तैयार नहीं है, सभी डरे हुए हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस सरकार में यहां महिलाएं डरी हुई हैं। हम चाहते हैं कि सीएम यहां आएं और इस स्थिति पर बयान दें… हम चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं को कुछ सम्मान दे, यह पीएम मोदी के नेतृत्व में किया जा रहा है। उन्होंने महिलाओं के वोट से सरकार बनाई है इसलिए उन्हें महिलाओं का थोड़ा सम्मान करना चाहिए।
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कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक के बेलगावी में आदिवासी महिला से मारपीट कर उसे निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में राज्य सरकार की उदासीनता को लेकर विपक्षी भाजपा ने जिला मुख्यालयों में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। हम आपको बता दें कि 11 दिसंबर को बेलगावी के वंतामुरी गांव में बेटे के आदिवासी समुदाय की लड़की को लेकर भाग जाने के बाद महिला को एक खंभे से बांध दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि आठ आरोपी फरार हैं। देखा जाये तो यह मामला अब राजनीतिक रूप से तूल पकड़ चुका है और विपक्षी भाजपा ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया है।