नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कार्यान्वयन को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र के साथ हस्ताक्षरित ज्ञापन समझौते का पालन नहीं किया और कई बार संपर्क किए जाने के बावजूद उसने स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों को नए सिरे से खड़ा करने की जरूरत को भी स्वीकार नहीं किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।
केंद्र पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा एनएचएम फंड को रोकने और ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर मीडिया खबरों पर मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि व्यय विभाग के दिशानिर्देशों के तहत राज्यों को अनिवार्य शर्तों को पूरा करने की स्थिति में धन आवंटित किया जाता है।
मंत्रालय ने कहा कि आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) के लिए नए दिशानिर्देश 30 मई 2018 को जारी किए गए थे।
उन्होंने एक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल में एचडब्ल्यूसी की इमारत का रंग नीला व सफेद है और उनपर क्षेत्रीय में नाम सुस्वास्थ्य केंद्र व अंग्रेजी में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर लिखा हुआ है।
एनएचएम के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार, राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि मिशन के तहत परिकल्पित कार्यक्रम व गतिविधियों का कार्यान्वयन एनएचएम के कार्यान्वयन की रूपरेखा और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा समय-समय पर प्रदान किए गए अन्य दिशानिर्देशों के अनुसार हो।
मंत्रालय के मुताबिक, इस साल 31 मार्च और 11 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ दिशानिर्देशों के पालन के मुद्दे को लेकर कई बैठकें हो चुकी हैं।
मंत्रालय ने बताया कि इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ भी कई बार सूचित किया गया।
मंत्रालय के मुताबिक, राज्य ने भारत सरकार के अन्य परामर्शों और कार्यक्रमों में भी भाग नहीं लिया।