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बंगाल के राज्यपाल को वामपंथी संगठन के छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा

यादवपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को शनिवार को वामपंथी छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि, राज्यपाल ने छात्रों से बात करके उन्हें शांत किया।
राज्यपाल यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैं।
बोस की कार के मुख्य दीक्षांत समारोह स्थल के पास पहुंचते ही एसएफआई और ‘फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स यूनियन’ (एफईटीएसयू) के सदस्यों ने छात्र संघ चुनाव जल्द कराने की मांग को लेकर कार्यक्रम के लिए बनाए गए पंडाल के बाहर तख्तियां लहराईं और नारेबाजी की।

छात्रसंघ चुनाव पिछले तीन साल से लंबित हैं।
राज्यपाल बोस अंदर गए और मंच पर आसीन हुए, लेकिन बाहर नारेबाजी जारी रही। हालांकि, उन्होंने जल्द ही आंदोलनकारी छात्रों को संदेश भेजा कि वह उनसे मिलना चाहेंगे। इसके बाद मंच के पास स्थित कक्ष में एसएफआई और एफईटीएसयू प्रतिनिधियों के साथ राज्यपाल की बातचीत हुई।
बाद में, एफईटीएसयू प्रमुख अरित्र मजूमदार ने कहा, ‘‘हम राज्यपाल के खिलाफ नहीं हैं।

हम उन्हें छात्र संघ चुनाव कराने की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग से अवगत कराना चाहते थे, जिसमें यादवपुर विश्वविद्यालय के अधिकारी बिना किसी कारण के देरी कर रहे हैं। हमने उन्हें हमारे लोकतांत्रिक अधिकार नहीं दिए जाने के बारे में बताने की कोशिश की और ऐसा लगा कि वह हमारे मुद्दे के प्रति सहानुभूति रखते हैं।’’
मजूमदार ने कहा कि बोस ने संतुष्ट नहीं होने पर छात्रों को भविष्य में उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए राजभवन में आमंत्रित किया।
एसएफआई के एक नेता ने बोस के हवाले से कहा, ‘‘पहले मुझे मांगों से अवगत कराइये। मैं निश्चित रूप से इस पर गौर करूंगा।’’
बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर कोई समस्या है तो उसके समाधान के तरीके हो सकते हैं। हम रास्ते खोज लेंगे।

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