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केंद्र सरकार की गैरजिम्मेदाराना गतिविधियों के कारण बंगाल में आ रही बाढ़, ममता का नया आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि केंद्र सरकार डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) के साथ इस मुद्दे को क्यों नहीं उठा रही है। उन्होंने बंगाल में सारा पानी छोड़ दिया है। केंद्र सरकार की गैरजिम्मेदाराना गतिविधियों के कारण बंगाल में बाढ़ क्यों आएगी? मुझे खेद है लेकिन यह बंगाल का पानी नहीं है। यह झारखंड का पंचेत का पानी है जो केंद्र सरकार के संगठन डीवीसी से आ रहा है।

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इससे पहले बीते दिनों ममता ने कहा था कि  2009 के बाद से इस मात्रा में अब तक कभी पानी नहीं छोड़ा गया। मैंने उनसे अनुरोध किया था कि अधिक मात्रा में पानी न छोड़ा जाए इसके बावजूद 3.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हम डीवीसी के इस रवैये से नाराज़ हैं। यह मानव निर्मित बाढ़ की स्थिति बनाई गई। घाटाल को लेकर केंद्र सरकार के पास मास्टर प्लान की अर्जी दी गई लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया। राज्य सरकार की ओर से डीपीआर की व्यवस्था की जा रही है। यह डेढ़ हजार करोड़ का प्लान है।

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पश्चिम बंगाल और झारखंड में भारी बारिश के बाद बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल के हावड़ा, हुगली, बीरभूम, पश्चिम मिदनापुर, पूर्वी मिदनापुर, झारग्राम, बांकुरा, पुरुलिया, पश्चिम बर्दवान और पूर्वी बर्दवान जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सलाहकार अलपन बंद्योपाध्याय ने कहा कि भारी बारिश हुई है और डीवीसी दामोदर नदी पर पंचेत बांध और बराकर नदी पर मैथन बांध से पानी छोड़ रहा है। पश्चिम बंगाल के गंगा तट पर बने गहरे दबाव के कारण सप्ताहांत और सोमवार को दक्षिण बंगाल में भारी बारिश हुई। मौसम प्रणाली सोमवार को झारखंड की ओर बढ़ गई।

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