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विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद भी एनडीए सरकार में मंत्री बने Bhagirath Chaudhary, अजमेर से दूसरी बार पहुँचे संसद

मोदी 3.0 के नए मंत्रिमंडल में नए चेहरे के तौर पर अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली। भागीरथ चौधरी दूसरी बार लगातार सांसद बने हैं, लेकिन मंत्री पद के लिए उनकी लॉटरी इस बार खुली है। इससे पहले बीजेपी ने उन्हें हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़ाकर बड़ा दांव खेला, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा हैं। इसके बाद बीजेपी ने फिर से उन्हें अजमेर लोकसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतारा जहां उन्होंने जीत हासिल की। भागीरथ चौधरी ने कांग्रेस के रामचंद्र चौधरी को सवा 3 लाख से अधिक मतों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की है।
भागीरथ चौधरी का जन्म एक जनवरी 1954 को हुआ था। वे 69 वर्ष के है। वे 2003 से 2008 और 2013 से 2018 में विधायक रहे। 2019 में लोकसभा चुनाव जीते और 2024 में भी जीत गए। 2008 और 2023 में विधानसभा का चुनाव हार गए। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से बीए पार्ट द्वितीय तक पढ़ाई कर रखी है। वे खेती और मार्बल के कारोबार से जुड़े हैं। नागौर के पीह में उनका चोयल फार्म है, जबकि किशनगढ़ में अनुकंपा मार्बल, चोयल मार्बल एंड हैंडीक्राफ्ट और विकास मार्बल एवं माइंस है।
जनसंघ के समय से ही चौधरी पार्टी से जुड़े हैं। वे कार्यकर्ता, संगठन पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि के तौर पर काम करते हुए 2019 में सांसद बने और 2 बार विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में वे सांसद के साथ भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष भी है। वे 2003 से 2008 तक भाजपा उद्योग प्रकोष्ठ में प्रदेश उपाध्यक्ष और 2003 से 2019 तक प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रहे हैं।चौधरी 1997 से 2007 तक अखिल भारतीय जाट महासभा जिला अजमेर में जिलाध्यक्ष और 2001 से 2006 तक पुष्कर स्थित जाट विश्राम स्थली के उपाध्यक्ष रहे हैं। 2003 से 2018 तक राजस्थान विधानसभा में पर्यावरण समिति के अध्यक्ष, लोकसभा में जल संसाधन समिति के सदस्य, लोकसभा में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय परामर्शदात्री समिति के सदस्य और सहकारिता मंत्रालय परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे हैं।
भागीरथ चौधरी 2019 में भी अजमेर के सांसद चुने गए थे। इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें किशनगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ाकर बड़ा दांव खेला। पिछले विधानसभा चुनाव में भागीरथ चौधरी चुनाव हार गए और तीसरे नंबर पर रहे थे। किशनगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा से बागी हुए विकास चौधरी कांग्रेस में शामिल हुए और उन्होंने भागीरथ चौधरी का हरा दिया, जबकि लोकसभा चुनाव में भागीरथ चौधरी ने किशनगढ़ विधानसभा सीट से इस बार करीब 1 लाख मतों से बढ़त बनाई।

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