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गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में भारी वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए सोमवार को गांधीनगर में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। पटेल ने सोमवार दोपहर स्टेट इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) पहुँच कर वर्षा प्रभावित जिलों के कलेक्टरों, महानगर पालिका आयुक्तों तथा जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की और स्थिति की गहन जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से निचले क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की हिदायत दी। उन्होंने जिला कलेक्टरों तथा मनपा आयुक्तों से स्पष्ट रूप से कहा कि हमारी प्रायोरिटी मनुष्य जीवन तथा पशु धन की जानहानि को रोकना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नदी-मालों या सड़कों पर जब वर्षा जल उफान पर हो, तब वहाँ किसी को भी न जाने देने के प्रति सतर्कता रखने और जरूरत पड़े, तो पुलिस की सहायता से सख्ती बरत कर भी लोगों को रोकना जरूरी है। उन्होंने इस संबंध में कलेक्टरों को जरूरी निर्देश दिए।
उन्होंने पानी फँसे लोगों के रेस्क्यू को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय पुलिस की सहायता से लोगों को रेस्क्यू करने के साथ सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के कार्यों का विवरण भी प्राप्त किया।
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि राज्य में अब तक 17,827 लोगों का स्थानांतरण किया गया और 1,653 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 13 व एसडीआरएफ की 22 टीमें तैनात की गई हैं, जो राहत एवं बचाव कार्य में सहायता कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में पिछले 24 घण्टों में हुई भारी वर्षा तथा व्यापक वर्षा के बारे में भी ब्यौरा प्राप्त किया, जिसके अनुसार समग्र राज्य में पिछले 24 घण्टों में 33 जिलों की 244 तहसीलों में वर्षा दर्ज हुई है। इस अवधि के दौरान राज्य में 63.36 प्रतिशत वर्षा हुई है तथा सर्वाधिक 356 मिलीमीटर वर्षा नवसारी जिले के खेर गाँव में दर्ज हुई है। इसके अलावा; सोमवार को सुबह 6 से 10 बजे के दौरान पंचमहाल जिले के मोरवा हडफ में सर्वाधिक 157 मिलीमीटर वर्षा हुई। इस प्रकार; समग्र गुजरात में इस वर्ष मौसम की 91.88 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में हुई वर्षा के कारण नदियों-जलाशयों में आए पानी की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की, जिसके अनुसार राज्य के 206 में से 59 जलाशय 100 प्रतिशत भर चुके हैं, 72 जलाशय हाई अलर्ट व 22 जलाशय अलर्ट पर रखे हैं और 9 जलाशयों के लिए छलक जाने की चेतावनी दी गई है। 7 नदियाँ ओवरफ्लो हुई हैं। इसके अलावा; गुजरात की जीवनडोर समान सरदार सरोवर नर्मदा बांध में कुल संग्रहण क्षमता का 88.74 प्रतिशत यानी 2,96,459 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी का संग्रह है।
पटेल ने वर्षा के कारण विद्युत आपूर्ति, सड़क मार्गों-यातायात या आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर हुए प्रभाव को भी युद्धस्तर पर पूर्ववत करने के सम्बद्ध प्रशासकों व वरिष्ठ अधिकारियों निर्देश दिया है। वर्षा के चलते समग्र गुजरात में 7009 गाँवों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई थी, जिनमें से 6,977 गाँवों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। इतना ही नहीं; वर्षा से क्षतिग्रस्त हुए 6,090 बिजली के खंभों में से 5,961 की मरम्मत कर दी गई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वर्षा के रुकते ही संभावित महामारी के नियंत्रण के अग्रिम कदम उठाने के लिए कीटनाशक दवाई के छिड़काव, कीचड़-मिट्टी की सफाई का कार्य तत्काल शुरू करने और सड़कों पर पड़े पेड़ आदि के मलबे को दूर कर परिवहन को शीघ्र सुचारु बनाने के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि राज्य में हाल में सूरत, नवसारी, वलसाड, तापी, डांग व छोटा उदेपुर जिलों में कुल 523 सड़क मार्ग बंद हैं। मुख्यमंत्री ने मौसम विभाग द्वारा आगामी समय में राज्य में भारी वर्षा के किए गए अनुमान के संदर्भ में भी जानकारी प्राप्त की।
बैठक में मौसम विभाग के अधिकारियों द्वारा गुजरात में आगामी दो-तीन दिनों तक व्यापक तथा भारी वर्षा के किए गए अनुमान तथा रेड अलर्ट दिए जाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मौसम विभाग के अनुमान के संदर्भ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कच्छ व सौराष्ट्र क्षेत्र में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए वहाँ के जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
भूपेंद्र पटेल ने बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान विशेषकर नवसारी, वलसाड, डांग, पंचमहाल, वडोदरा तथा छोटा उदेपुर सहित अधिक प्रभावित जिलों के कलेक्टरों और वडोदरा महानगर पालिका आयुक्त के साथ बातचीत कर उन्हें अपने जिले में नदियों में पानी की आवक, यातायात नियमन तथा निचले क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के कार्यों की गहन समीक्षा की।
उन्होंने भारी वर्षा की स्थिति में स्थानीय जिला प्रशासन का मार्गदर्शन करने के लिए सम्बद्ध जिला प्रभारी सचिवों को तत्काल उन्हें सौंपे गए जिला मुख्यालय पहुँच जाने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य के जिला कलेक्टरों को संपूर्ण सज्जता के साथ जीरो कैजुअलिटी दृष्टिकोण अपनाते हुए सतर्क रहने के विषय में मार्गदर्शन दिया। इस बैठक में गुजरात के मुख्य सचिव राज कुमार, राज्य के विभागों के वरिष्ठ सचिव, एनडीआरएफ तथा मौसम विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।