बिहार के कटिहार जिले में बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। बिहार पुलिस के मुताबिक, उत्तेजित भीड़ ने बिजली विभाग के दफ्तर पर पथराव और तोड़फोड़ की। बिजली कटौती के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कथित तौर पर गोलीबारी की जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। डीएम और एसपी मौके पर मौजूद हैं। हालांकि, इसको लेकर भाजपा नीतीश सरकार पर हमलावर है गई है।
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बिहार के कटिहार में बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प पर भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा, “बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सरकार ने 10 लाख सरकारी नौकरियां मांगने वालों पर लाठीचार्ज कराया। अब, उनके ‘राज’ में, बिजली मांगने पर लोगों को गोली मारी जा रही है…न सुशासन, न जनता को सुविधाएं। यह अत्याचार की सरकार है…कोई उम्मीद नहीं बची है…।” वहीं, भाजपा ने ट्वीट कर कहा कि आज फिर बिहार की मिट्टी खून के कतरे से सन गई। तानाशाह महागठबंधन सरकार हर रोज बिहारियों को जख्म पर जख्म दे रही है। कटिहार के इन दो युवाओं की मांग थी बस बिजली की, बदले में मार दी गोली। कुछ युवाओं ने पहले मांगा था रोजगार, बदले में उन्हें भी मिला लाठी और गोली! भाजपा के कार्यकर्ता ने मांगा शिक्षकों का सम्मान, महागठबंधन सरकार ने दे दी मौत। आखिर कबतक तिल-तिल करेगा मरेगा बिहार?
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बारसोई उपमंडल के पुलिस उपाधीक्षक प्रेम नाथ राम ने बताया कि प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं और लाठीचार्ज किया जब उनमें से कुछ लोग पथराव में शामिल हो गए। उन्होंने कहा, “बासल गांव के निवासी खुर्शीद आलम की मौत हो गई है। आसपास के गांवों के रहने वाले दो अन्य लोगों को अस्पताल ले जाया गया।” कटिहार के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने आगे बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में भारी संख्या में बलों की तैनाती की गई है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा, जो भाजपा के एक कार्यक्रम के लिए जिले में थे, भी स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे।