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बर्थडे स्पेशल: राजनीतिक गलियारों से लेकर तीन शादियों को लेकर चर्चाओं में रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर

शशि थरूर कांग्रेस पार्टी में केरल के एक वरिष्ठ नेता हैं। शशि थरूर तिरुवनंतपुरम लोकसभा कांग्रेस सांसद हैं। राज्य में उनकी लोकप्रियता में दिन पर दिन इजाफा हो रहा है। बता दें कि उनकी लोकप्रियता हर वर्ग के लोगों में हैं। वह अपने राज्यव्यापी दौरे के साथ लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। शशि थरूर एक भारतीय राजनेता होने के साथ ही लेखक और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवक भी रहे हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम में वह साल 2009 से सांसद के रूप में सेवा दे रहे हैं। आज के दिन यानी की 9 मार्च को शशि थरूर अपना 67 जन्मदिन मना रहे हैं। आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुथ खास बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
यूनाइटेड किंगडम में 10 मार्च 1956 को मलयाली नायर परिवार में शशि थरूर का जन्म हुआ था। इनके पिता चंद्रन थरूर मूलरूप से केरल के निवासी हैं। वहीं इनकी मां का नाम सुलेखा मेनन हैं। उन्हें लिली थरूर के नाम से भी जानते हैं। शशि थरूर का जन्म भले ही लंदन में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा भारत में पूरी की है। दरअसल शशि के जन्म के 2 साल बाद ही उनके पैरेंट्स भारत वापस आ गए थे। शशि ने मुंबई के कैंपियन स्कूल से 10वीं तक पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद कोलकाता के सेंट जेवियर्स स्कूल से 12वीं पास किया है। वहीं साल 1975 में शशि ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। बता दें कि 22 साल की उम्र में शशि थरूर डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे।
व्यक्तिगत जीवन 
साल 1981 में शशि थरूर ने राजनीतिज्ञ कैलाश नाथ काटजू की पोती और अपनी कॉलेज फ्रेंड तिलोत्तमा मुखर्जी से शादी की थी। बता दें कि उनकी पत्नी वर्तमान में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। इनके दो बच्चे कनिष्क और ईशान हैं। लेकिन कुछ समय साथ में रहने के बाद शशि और तिलोत्तमा ने एक-दूसरे से तलाक ले लिया। इसके बाद शशि ने दूसरी शादी साल 2007 में कैनेडियन डिप्लोमेट क्रिस्टा जाइल्स से की। लेकिन यह शादी भी ज्यादा समय तक नहीं चल सकी और 2010 में यह जोड़ी भी टूट गई। दूसरी शादी टूटने के बाद उन्होंने बिज़नेस वीमेन सुनंदा पुष्कर से तीसरी शादी रचाई। वहीं साल 2014 में दिल्ली के एक होटल में उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की लाश पड़ी मिली थी। जिसके बाद शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था। लेकिन 2021 में दिल्ली कोर्ट ने उन्हें सारे आरोपों से बरी कर दिया।

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राजनीति में एंट्री
साल 1978 में शशि ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत संयुक्त राष्ट्र जिनेवा में शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के सदस्य के रूप में की थी। जिसके बाद साल 1981 से 1984 तक उन्होंने सिंगापुर में यूएनएचसीआर ऑफिस के हेड की जिम्मेदारियां संभाली।
शशि को विशेष राजनीतिक मामलों के अंडर सेक्रेटरी जनरल के लिए साल 1989 में स्पेशल असिस्टेंट बनाया गया। यह बाद में न्यूयॉर्क में पीसकीपिंग ऑपरेशन डिपार्टमेंट बन गया।
शशि थरूर पूर्व यूगोस्लाविया में शांति अभियानों के लिए साल 1996 तक टीम का हिस्सा रहने के साथ ही गृहयुद्ध के दौरान ग्राउंड लेवल भी काफी काम किया।
राजनीतिक सफर
साल 2009 में शशि थरूर ने केरल के तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। इस दौरान उन्होंने जनरल इलेक्शन लड़ा। वहीं इस चुनाव में शशि के सामने भाजपा, एनसीपी, सीपीआई और बीएसपी के कई बड़े दिग्गज नेता खड़े थे। लेकिन शशि थरूर ने उन सभी नेताओं को मात देकर शानदार जीत हासिल की। वहीं जीत मिलने के बाद साल 2009 में ही उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश राज्य मंत्री का पदभार सौंपा गया। 
शशि को साल 2010 से 2012 तक देश मामलों की स्थायी समिति के सदस्य, रक्षा सलाहकार समिति, लोक लेखा समिति और संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य पद की जिम्मेदारी मिली। वहीं इसके बाद वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर शामिल हुए। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि साल 2014 के चुनाव में शशि ने तिरुवनंतपुरम से बीजेपी के ओ राजगोपाल को मात देकर सांसद बने थे। 
 
वहीं जब उन्होंने पीएम मोदी के बयानों को प्रशंसा की थी तो कांग्रेस उनसे नाराज हो गई थी। जिसके कारण उन्हें प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था। 17वीं लोकसभा के दौरान साल 2019 में शशि थरूर एक बार फिर तिरुवनंतपुरम से सांसद चुने गए। वहीं साल 2022 में ऑल इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट चुनाव की रेस में शशि थरूर का नाम भी शामिल था। हालांकि इनके सामने मल्लिकाअर्जुन का जादू चला और शशि थरूर को हार का सामना करना पड़ा।

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