ओडिशा के सत्तारूढ़ दल बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने जन विरोधी गतिविधियों के आरोप में समाचारपत्र ‘संबाद’ के मालिक-संपादक सौम्य रंजन पटनायक सहित दो विधायकों को बृहस्पतिवार को निष्कासित कर दिया।
पटनायक ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘ रेमुना से सुधांशु शेखर परिदा और खंडपाड़ा से सौम्य रंजन पटनायक को बीजद से निष्कासित किया गया है।’’
सौम्य रंजन पटनायक को इससे पहले 12 सितंबर को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उड़िया दैनिक ‘संबाद’ के संपादक के तौर पर उन्होंने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधने हुए दो संपादकीय लिखे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री के निजी सचिव वीके पांडियन की आलोचना की थी।
ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सौम्य रंजन पटनायक के खिलाफ धोखाधड़ी तथा फर्जीवाड़े सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया था,जिसके बाद यह नई कार्रवाई की गई है।
खंडपाड़ा विधायक के जनविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप को लेकर बीजद ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा, ‘‘संबाद समाचारपत्र के पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर ओडिशा की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने उनके और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506/467/468/471/420/120-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। संबाद अखबार के कई अन्य कर्मचारियों ने भी ईडब्ल्यूओ से इसी तरह की शिकायत की है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘यह संगठित तरीके से बैंक धोखाधड़ी करने का एक गंभीर मामला है, जिसमें संबाद के 300 से अधिक कर्मचारियों के नाम पर फर्जी तरीकों और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके करोड़ों रुपये का ऋण लिया गया।’’
बीजद ने बयान में कहा कि इसी प्रकार विधायक सुधांशु शेखर परिदा पर किसानों को दी गई तीन करोड़ रुपये की सरकारी रियायत में हेराफेरी करने का आरोप है। लोकायुक्त के आदेश के बाद राज्य सतर्कता विभाग मामले की जांच कर रहा है।
वहीं, परिदा ने दावा किया कि वह किसी सरकारी रियायत के हेराफेरी में शामिल नहीं है जिसके आधार पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें पार्टी से निकाला है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी घोटाले में शामिल नहीं हूं, जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है। सतर्कता इकाई इस मामले की जांच कर रही है। रेमुना की जनता मेरे काम से खुश है।’’
खंडपाड़ा से विधायक सौम्य रंजन पटनायक ने बीजद द्वारा की गई कार्रवाई पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सौम्य रंजन पटनायक चौथे बीजद विधायक हैं जिनपर पार्टी ने ‘जन विरोधी गतिविधि’ का आरोप लगाया है।
सबसे पहले गोपालपुर के विधायक प्रदीप पाणिग्रही को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद बीजद से निष्कासित कर दिया गया था। दूसरे चिलिका से विधायक प्रशांत जगडे थे जबकि सुधांशु शेखर परिदा तीसरे विधायक हैं जिन्हें पार्टी ने निष्कासित किया है।
ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा के तहत काम करने वाली आर्थिक अपराध शाखा (ईडब्ल्यूओ) ने ऋण धोखाधड़ी के मामले में सौम्य रंजन पटनायक के स्वामित्व वाले संबाद अखबार के कार्यालय पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि छापेमारी के दौरान उसने ऋण/बैंक संबंधी ‘विश्वसनीय’ दस्तावेज जब्त किए हैं।
इस बीच, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने संबाद के संपादक के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर बीजद की तीखी आलोचना की है।
भाजपा के अनुभवी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जे एन मिश्रा ने कहा, ‘‘बीजद में कोई लोकतंत्र नहीं है और क्षेत्रीय दल निरंकुश व्यवहार कर रहा है। सौम्य बाबू को बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए निष्कासित कर दिया गया।’’
मिश्र ने बीजद की कार्रवाई पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने संपादक के तौर पर कुछ संपादकीय लिखे थे न कि विधायक के तौर पर।
इसी तरह कांग्रेस विधायक सुरेश रोउत्रे ने कहा कि बीजद ने सचिव स्तर के अधिकारी के आरोप लगाने पर सौम्य रंजन पटनायक को पार्टी से निष्कासित कर उन्हें ‘नायक’बना दिया है जबकि उक्त अधिकारी पर राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर से यात्रा कर करोड़ों रुपये खर्च करने का आरोप है।
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि दो विधायकों का निष्कासन संकेत है कि बीजद का पतन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि ‘‘सत्तारूढ़ दल में कई दागी नेता हैं।