ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा की 147 सीटों पर चुनाव चल रहे हैं। चुनाव से पहले केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और राज्य में करीब 24 सालों से शासन कर रहे पटनायक की बीजू जनता दल में आपसी तालमेल और गठबंधन का प्रयास हुआ। हालांकि दोनों पार्टी में सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पाई तो भाजपा और बीजेडी ने राज्य की सभी 147 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। लेकिन क्या जमीनी स्तर पर भाजपा वाकई में बीजेडी के उम्मीदवारों के सामने चुनौती पेश कर पा रही है। बता दें कि राज्य की 42 सीटों पर 01 जून 2024 को मतदान होना है। इसी क्रम में कटक ज़िले के अधीन आने वाले बड़म्बा विधानसभा में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है।
बीजेडी प्रत्याशी देबी प्रसाद मिश्रा
बड़म्बा विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि देबी प्रसाद मिश्रा साल 1995 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। पहले साल 1995 में उन्होंने जनता दल के टिकट पर जीत हासिल की और फिर साल 2000 से अब तक बीजू जनता दल के टिकट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं। भले ही समय के साथ उनके वोट प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन विपक्ष कभी भी देबी प्रसाद मिश्रा के आगे दमदार चुनौती पेश नहीं कर सका। देबी प्रसाद मिश्रा बीजेडी के उपाध्यक्ष और इन चुनावों में पार्टी के स्टार प्रचारक हैं। वहीं साल 2000 से लेकर 2017 तक वह स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि और उद्योग मंत्रालय संभाल चुके हैं।
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बीजेपी प्रत्याशी सम्बित पात्रा
बड़म्बा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने नए चेहरे सम्बित त्रिपाठी को उतारा है। सम्बित पात्रा पूर्व आईआरएस अधिकारी हैं। उनका मानना है कि भले ही यहां पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए चुनौती है, लेकिन इसके बाद भी पार्टी लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। साथ ही पार्टी लोगों की सोच बदलने में भी कामयाब रही है। इसलिए सम्बित पात्रा विश्वास जताते हैं कि इस बार वह इस सीट से जीत हासिल करेंगे। इससे पहले सम्बित पात्रा पेट्रोलियम और कौशल विकास मंत्रालय में काम कर चुके हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी संजय कुमार साहू
बीते सालों में कांग्रेस की जमीन यहां से खत्म होती चली गई है। हालांकि पार्टी ने फिर भी राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है। पार्टी ने इस सीट से युवा कांग्रेस के सदस्य रहे कांग्रेस नेता संजय कुमार साहू पर भरोसा जताया है। साहू कांग्रेस के डेडिकेटेड नेता माने जाते हैं। वहीं संजय कहते हैं कि यदि वह चुनौती स्वीकार नहीं करेंगे तो आगे कैसे बढ़ेंगे। उनका कहना है कि वह कार्यकर्ताओं को इकट्ठा कर कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ाने का प्रयास करेंगे। हालांकि संजय कुमार साहू भी इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि यहां पर मुख्य लड़ाई दोतरफा यानी की भाजपा और बीजेडी के बीच है।