लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की रिक्त दो सीट के लिए बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवारों ने नामांकन किया।
समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों ने नामांकन करने के अंतिम दिन पर्चा दाखिल कर सबको चौंका दिया, क्योंकि विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से भाजपा उम्मीदवारों की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
भाजपा ने विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे और बनवारी लाल दोहरे के निधन से रिक्त हुई दो सीट के लिए अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
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भाजपा ने मानवेंद्र सिंह और पदमसेन चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि बाद में, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राम जतन राजभर (मऊ से) और राम करण निर्मल (कौशांबी से) ने भी पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम और अन्य की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया।
लक्ष्मण आचार्य कुछ समय पहले सिक्किम के राज्यपाल बनाए गए थे। आचार्य का कार्यकाल जनवरी 2027 तक और दोहरे का कार्यकाल छह जुलाई 2028 तक था।
दो सीट पर उपचुनाव के लिए अधिसूचना 11 मई को जारी की गई थी और बृहस्पतिवार को नामांकन पत्र दाखिल करने का आखिरी दिन है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नामांकन पत्रों की जांच 19 मई को की जाएगी और 22 मई नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है।
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उन्होंने कहा किमतदान 29 मई को होगा और नतीजे उसी दिन आ जाएंगे।
विधान भवन सभागार में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी के मानवेंद्र सिंह और पदमसेन चौधरी ने नामांकन किया।
विधान परिषद की इन दो सीट पर मतदान 29 मई को होगा और उसी दिन शाम तक परिणाम आने की संभावना हैं।
माना जाता है कि सपा ने लोगों को यह संदेश देने के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है कि वह सत्ताधारी दल को बिना लड़ाई के वाकओवर नहीं दे रही है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया सपा के दो प्रत्याशियों के नाम पर पार्टी नेतृत्व ने बृहस्पतिवार सुबह ही अंतिम मुहर लगायी थी।
भाजपा ने 100 सदस्यीय उच्च सदन के चुनाव के लिए पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह के नामों की घोषणा की है, जहां भाजपा को पर्याप्त बहुमत प्राप्त है।
भाजपा के उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह दो बार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं और उन्होंने पार्टी के कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रमुख के रूप में भी काम किया है। पदमसेन पूर्व सांसद रह चुके हैं और बहराइच के मूल निवासी हैं।
इन सीट पर विधानसभा के सदस्य ही मतदान करेंगे और विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के बहुमत में होने के कारण पार्टी के दोनों प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है।
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 255 विधायक हैं, उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के विधायकों की संख्या 13 है। भाजपा की एक अन्य सहयोगी निषाद पार्टी के छह विधायक हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के 109 विधायक हैं जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नौ विधायक हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के छह विधायक हैं, कांग्रेस और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के दो-दो विधायक हैं और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास विधानसभा में एक सदस्य है।