भाजपा ने गुरुवार को राजस्थान के लिए दो प्रमुख चुनाव समितियों की घोषणा की। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे इनमें से किसी भी पैनल का हिस्सा नहीं हैं। इसको लेकर एक अलग तरह की चर्चा शुरू हो गई है। राजस्थान में इस इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनाव प्रबंधन समिति और चुनाव घोषणापत्र समिति का गठन किया था। 21 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पूर्व सांसद नारायण पंचारिया हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल प्रदेश संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) समिति का नेतृत्व करेंगे।
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दोनों में से किसी पैनल के सदस्य के रूप में भी वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है। विवाद बढ़ने पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वसुंधरा राजे हमारी वरिष्ठ नेता हैं…हमने उन्हें कई कार्यक्रमों में शामिल किया है और भविष्य में भी उन्हें हम शामिल करते रहेंगे। बड़ा सवाल यह भी है कि वसुंधरा राजे को लेकर क्या जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसको लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वह राज्य में लगातार प्रचार करेंगी।
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गौरतलब है कि वसुंधरा राजे 5 बार की विधायक हैं और दो बार राज्य की मुख्यमंत्री रही हैं। भाजपा के बड़े चेहरों में उनका नाम है। साथ ही साथ उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री चेहरा बनाने का तलाव पार्टी नेतृत्व पर लगातार डाल रहे हैं। खुद चुनावी साल में वसुंधरा राजे काफी सक्रीय हैं। वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच भी साझा कर रही हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं वसुंधरा राजे भी राजस्थान चुनाव को लेकर काफी अहम मानी जा रही है।