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लोकसभा चुनाव को लेकर अभियान जारी है। हैदराबाद से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए को असंवैधानिक कानून बताया है। इस बार असदुद्दीन ओवैसी के गढ़ हैदराबाद सीट से भाजपा उम्मीदवार भी मैदान में है। भाजपा उम्मीदवार माधवी लता का कहना है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ओवैसी हर बार कानून में बदलाव करना चाहते है।
माधवी लता ने कहा कि सबसे पहले असदुद्दीन औवेसी को यह समझाने की जरूरत है कि उनके अनुसार सीएए क्या है और मौजूदा केंद्र सरकार की परिभाषा के अनुसार सीएए क्या है… दुर्भाग्य से, हर बार असदुद्दीन ओवेसी कानून, कृत्यों में हेरफेर करना चाहते हैं।” केंद्रीय पार्टी जो कुछ भी कर रही है, सिर्फ इसलिए कि हैदराबाद, लोकसभा क्षेत्र के लोग तकनीकी शब्दावली से अनभिज्ञ हैं और उन्हें कितनी गहराई से परिभाषित किया गया है।
गौरतलब है कि लता का यह बयान एआईएमआईएम प्रमुख के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, “बीजेपी ने एक असंवैधानिक कानून-सीएए बनाया है। यह धर्म के आधार पर बनाया गया है, जो समानता के अधिकार के खिलाफ है। इसलिए, मैंने नागरिकता (संशोधन) की एक प्रति फाड़ दी है। संसद में ये विधेयक था हम इसके ख़िलाफ़ थे, हैं और रहेंगे।
ओवैसी हारेंगे
इससे पहले, भाजपा उम्मीदवार माधवी लता ने भविष्यवाणी की थी कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी इस बार 1,50,000 वोटों के अंतर से हारेंगे। माधवी लता ने इस बात पर जोर दिया कि इस बार ओवैसी का ‘फर्जी वोट बैंक’ काम नहीं करेगा। माधवी लता ने कहा कि हां, अगर हमारे पास फर्जी वोट होते, तो हम 4,000 वर्षों तक लगातार जीत सकते थे। लेकिन क्या करें? हमारे पास फर्जी वोट नहीं हैं।” ओवैसी के पास 6,20,000 वोट हैं। यदि आप चुनाव आयोग की वेबसाइट पर एक ईपीआईसी (चुनावी फोटो पहचान पत्र) नंबर टाइप करते हैं, तो आपको अकेले चारमीनार क्षेत्र में एक ही मतदाता पहचान पत्र मिल सकता है, उनके पास 1,60,000 फर्जी वोट हैं।