मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो जाने के बाद वह शिवसेना नेता व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को किनारे लगा सकती है।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि शिंदे लंबे समय तक मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में दावा किया है कि भाजपा महाराष्ट्र में (48 में से) 45 से अधिक लोकसभा सीटें जीतना चाहती है और उसे लगता है कि शिंदे इस दिशा में कुछ नहीं कर सकते।
मुखपत्र में कहा गया, ‘‘शिंदे को (पिछले साल जून में मुख्यमंत्री के रूप में) लाते समय भाजपा ने मराठा कार्ड खेला था। अब उनके पास अजित पवार के रूप में बेहतर मराठा नेता है।’’
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश अकोलकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि राज्य के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से लगता है कि शिंदे को दरकिनार किया जा रहा है क्योंकि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार दोनों ही मौजूदा मुख्यमंत्री की तुलना में मुखर, आक्रामक और बेहतर प्रशासक हैं।
हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता माधव भंडारी ने कहा कि ये सारी बातें ‘हवाबाजी’ के अलावा और कुछ नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहली बात तो यह है कि विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित अयोग्यता याचिका हमारे खिलाफ नहीं जाएगी।
अगर ऐसा होता भी है तो इसका असर सरकार पर नहीं पड़ेगा क्योंकि हमारे पास पर्याप्त संख्या है।’’
कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता पर 11 अगस्त तक निर्णय लेना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘‘अगर विधानसभा अध्यक्ष शिंदे के पक्ष में फैसला सुनाते हैं तो महा विकास अघाड़ी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।