पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पांच सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल का नेतृत्व कर रहे पार्टी के सांसद विनोद सोनकर ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था ‘ध्वस्त’ हो गयी है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि राज्य में संसदीय से लेकर पंचायत चुनावों तक चुनाव बाद की हिंसा एक सामान्य बात है।
सोनकर ने आरोप लगाया कि आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनाव के बाद से भाजपा के 10 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से आठ अनुसूचित जाति से हैं।’’
पंचायत चुनावों के बाद, जिन जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला हुआ था, उनमें से कुछ स्थानों का दौरा करने से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है।’’
भाजपा नेतृत्व ने पांच सदस्यीय यह दल भेजा है, जिसमें सांसद सुरेश कश्यप, विनोद चावड़ा, एस मुनिस्वामी और मनोज राजोरिया भी शामिल हैं।उन्होंने हुगली जिले के तारकेश्वर में लोगों से बातचीत की, जो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कथित उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।
सोनकर ने कहा, ‘‘चुनाव बाद हिंसा, बंगाल में जहां कहीं भी चुनाव हो रहे हैं वहां कोई नई बात नहीं है चाहे वे लोकसभा, विधानसभा या पंचायत चुनाव ही क्यों न हों।’’
तथ्यान्वेषी दल राज्य में विभिन्न स्थानों का दौरा करने के बाद भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को एक रिपोर्ट सौंपेगा।
उत्तर प्रदेश के कौशांबी से सांसद सोनकर ने दावा किया कि मौत का यह आंकड़ा प्रदर्शित करता है कि बंगाल में अनुसूचित जाति के लोग भाजपा के साथ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसने राज्य के सत्तारूढ़ दल में चिंता पैदा कर दी है क्योंकि उनमें उसका जनाधार घट रहा है।’’
पंचायत चुनावों को दहला कर रख देने वाली हिंसा में, मतदान के दिन कम से कम 15 लोगों की जान चली गई, जबकि मतगणना के दिन 12 जुलाई को तीन और लोगों की हत्या कर दी गई।
पिछले महीने इन चुनावों की घोषणा किये जाने के बाद से चुनावी हिंसा में कम से कम 33 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 60 प्रतिशत लोग सत्तारूढ़ दल से संबद्ध थे।