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Kalyan East विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने Sulabha Gaikwad को दिया टिकट, महायुति गठबंधन में फूटे बगावत के स्वर

विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित कर दी है। इससे सत्तारूढ महायुति गठबंधन में विवाद छिड़ गया है। भाजपा ने कल्याण पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से गणपत गायकवाड़ की पत्नी सुलभा गायकवाड़ की उम्मीदवारी की घोषणा कर दी हैं। इसके चलते इस निर्वाचन क्षेत्र में महायुति में बगावत की हवा चलने लगी है। कल्याण पूर्व में पानी, सड़क और कचरे की समस्या होने का आरोप लगाते हुए शिंदे की शिवसेना शहर प्रमुख महेश गायकवाड़ और पूर्व नगरसेवक नीलेश शिंद ने सुलभा गायकवाड़ की उम्मीदवारी का विरोध किया हैं।
चुनाव में बगावत शिंदे गुट
 
बीजेपी की नेता कल्याण पूर्व में विधायक गणपत गायकवाड़ की पत्नी सुलभा गायकवाड़ को बीजेपी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद शिवसेना शिंदे गुट बगावत की तैयारी में है। महायुति में शिवसेना शिंदे गुट के नेता और पदाधिकारी आक्रामक हो गए हैं। कल्याण के 19 नगरसेवकों, ग्राम पंचायत सदस्यों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ, शिवसेना शहर प्रमुख महेश गायकवाड़ ने कहा कि उन्होंने मांग की थी कि गायकवाड़ के घर के सदस्य को उम्मीदवारी नहीं दी जानी चाहिए।
सुलभा गायकवाड़ का नहीं करेंगे प्रचार
महायुति में बीजेपी द्वारा कल्याण पूर्व से गणपत गायकवाड़ की पत्नी सुलभा गायकवाड़ को उम्मीदवार बनाए जाने से तनाव पैदा हो गया है। राज्य के शिव सेना शिंदे गुट के महेश गायकवाड़ ने कहा कि आज हमारे शिवसैनिकों के लिए काला दिन है। एक ऐसा व्यक्ति जिसने कभी विकास नहीं किया। केवल भ्रष्टाचार किया, उन्होंने खुद का घर भरा होने का आरोप लगाते हुए मांग की कि उनके घर में कोई उम्मीदवार न दिया जाये। लेकिन फिर भी नामांकन दे दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला अशोभनीय है। शहर प्रमुख महेश गायकवाड़ ने कहा कि हम सुलभा गायकवाड़ का काम नहीं करेंगे।
गायकवाड़ के राज में कल्याण पूर्व हुआ तबाह
शिंदे गुट के विधानसभा क्षेत्र प्रमुख नीलेश शिंदे ने कहा कि कल्याण पूर्व पूरी तरह तबाह हो गया है। शिवसेना मजबूत है और हम अपनी पार्टी को बढ़ाना चाहते हैं। पार्टी प्रमुख से कई बार कहा गया, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। नीलेश शिंदे ने कहा कि वह बगावत की तैयारी कर रहे हैं। कल्याण पूर्व कई वर्षों तक शिवसेना के साथ था, गणपत गायकवाड़ 2019 में बीजेपी में शामिल हुए, तो वह सीट बीजेपी के खाते में चली गई। 2019 में गणपत गायकवाड़ के खिलाफ भी शिवसेना नगरसेवकों ने बगावत का झंडा उठा लिया था। धनंजय बोराडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था, लेकिन वे मामूली अंतर से हार गये, उस समय गणपत गायकवाड़ विजयी हुए थे।

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