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बीजेपी को तमिलनाडु की कोई समझ नहीं, कच्चाथीवू विवाद पर कार्ति चिदंबरम ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कच्चाथीवू मुद्दा उठाए जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच इसको लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा कि भावनात्मक मुद्दे भाजपा की मदद नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि पार्टी को तमिलनाडु की कोई समझ नहीं है। चिदंबरम ने आगामी चुनावों के बारे में, तमिलनाडु में इंडिया ब्लॉक की संभावनाओं के बारे में और राज्य में भाजपा की पैठ बनाने की कोशिश के बारे में बात की। पीएम मोदी ने कच्चातिवु मामले को लेकर कांग्रेस के साथ-साथ तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने 1974 में “संवेदनहीनता” से यह द्वीप श्रीलंका को दे दिया था।

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 पीएम मोदी ने कच्चाथीवू द्वीप विवाद को उठाया जब उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने बेरहमी से #कच्चथीवु को छोड़ दिया। इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते! भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना 75 वर्षों से कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है। शिवगंगा लोकसभा क्षेत्र से फिर से चुनाव में उतरने के लिए तैयार कार्ति चिदंबरम ने ने कहा कि भाजपा काल्पनिक, ऐतिहासिक लड़ाई लड़ने के लिए प्रवृत्त है। बीजेपी की पहली लड़ाई बाबर, फिर औरंगजेब से, तीसरी ईस्ट इंडिया कंपनी से, फिर जवाहरलाल नेहरू से और फिर कांग्रेस से है। 

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कार्ति चिदंबरम ने कहा कि अगर वे मानते हैं कि कच्चातिवू आज तमिलनाडु में एक मुद्दा है, तो यह भी स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वे वास्तविकता से कैसे अलग हो गए हैं। यह ऐसी चीज़ नहीं है जो अब यहां किसी के लिए मायने रखती है। यह दो संप्रभु राष्ट्रों के बीच एक सुलझा हुआ मुद्दा है। वहाँ एक देना और लेना था। छह लाख श्रीलंकाई तमिलों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की गई। किसी ने भी मुझे रोका नहीं और पूछा कि ‘आप कच्चाथीवू वापस क्यों नहीं आ रहे हैं?  

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