भाजपा और एक अन्य संगठन ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में अलग-अलग रैलियां आयोजित कीं, जिसमें कामदुनी में 10 साल पहले 21 वर्षीय कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में अभियोजन पक्ष की विफलता का आरोप लगाया गया।
भाजपा ने आरोप लगाया कि अभियोजन पक्ष मजबूती से मामले को पेश करने में विफल रहा, जिसके कारण कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दोषियों की सजा कम कर दी।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के कामदुनी में दस साल पहले 21 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या की घटना से जुड़े मामले में मृत्युदंड की सजा पाने वाले एक व्यक्ति को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह बरी कर दिया। इस मामले में न्यायालय ने दो अन्य की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
अदालत ने तीन अन्य को भी सामूहिक बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया और उन्हें आपराधिक साजिश रचने तथा सबूतों से छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराया।
घटना तब हुई थी जब युवती परीक्षा देकर कॉलेज से लौट रही थी। घटना से राज्य में लोगों में आक्रोश भड़क गया था।
मामले में एक स्थानीय अदालत ने सात जून 2013 को तीन लोगों को मौत की सजा और तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उत्तर 24 परगना जिले के कामदुनी में प्रदेश भाजपा महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक रैली का नेतृत्व किया, जहां सात जून 2013 को यह घटना हुई थी।
भाजपा नेता अधिकारी ने कहा, ‘‘हम पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनकी सुरक्षा में सरकार की विफलता के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे।’’
वहीं, एक संगठन ने मध्य कोलकाता में मेयो रोड पर एस्प्लेनेड से गांधी प्रतिमा तक एक रैली निकाली, जिसमें कामदुनी के लोगों के अलावा वामपंथी नेताओं और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। हालांकि, रैली में शामिल लोगों ने किसी भी राजनीतिक दल के झंडे नहीं लिए हुए थे।
कोलकाता की रैली में भाग लेने वालों में शामिल कामदुनी गांव की निवासी टुम्पा कोयल ने कहा, ‘‘हमें न्याय की मांग के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा है क्योंकि राज्य सरकार उच्च न्यायालय के समक्ष उन लोगों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रही, जिन्हें निचली अदालत ने दोषी ठहराया था।