Breaking News

Nashik East सीट पर बीजेपी को हैट्रिक की उम्मीद, पार्टी ने Rahul Dhikale को एक बार फिर घोषित किया अपना उम्मीदवार

अगले महीने महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में नासिक पूर्व विधानसभा सीट बीजेपी के लिए अहम है, क्योंकि पिछले दो विधानसभा चुनाव में पार्टी ने यहां से जीत हासिल की है और अब बीजेपी का टारगेट इस सीट पर हैट्रिक करने का है। पांच अन्य विधानसभा सीटों के साथ यह सीट नासिक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है। नासिक भारतीय जनता पार्टी के लिए इसलिए भी हम है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ समय पहले नासिक के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे। इस सीट से पार्टी ने राहुल ढिकोले को अपना उम्मीदवार घोषित किया था।
भारतीय जनता पार्टी नासिक में मौजूद तीन विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ बनाना चाहती है। तो ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इस सीट पर इस चुनाव में महायुति और महाविकास आघाड़ी के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।
क्या है नासिक पूर्व सीट का इतिहास
नासिक पूर्व विधानसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। 2009 में इस सीट के लिए हुए पहले चुनाव में उत्तमराव ढिकाले ने यहां से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लिए जीत हासिल की थी। लेकिन 2014 में हुए अगले विधानसभा चुनाव में जनता ने उन पर भरोसा नहीं जताया। 2014 में भारतीय जनता पार्टी के बालासाहेब सानप पर जनता ने भरोसा जताया। इसके बाद साल 2019 में भी बीजेपी ने सीट से जीत हासिल की। उत्तमराव ढिकाले के बेटे राहुल उत्तम ढिकाले ने भारतीय जनता पार्टी की तरफ से 2019 में यहां से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तो ऐसे में यह कहा जा सकता है कि पिछले 10 साल से यह सीट बीजेपी के हाथ है। 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सीट पर हैट्रिक बनाने का प्रयास करती हुई नजर आएगी।
नासिक पूर्व विधानसभा सीट का जातीय समीकरण
इस विधानसभा सीट में मतदाताओं की संख्या कुल 3 लाख 50 हजार 810 है। यह पूरा इलाका शहरी है। जहाँ 100% शहरी आबादी है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की अगर बात करें तो यहां पर अनुसूचित जाति के 56,551 मतदाता मौजूद हैं। वहीं अनुसूचित जनजाति के 35,336 मतदाता मौजूद हैं। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 11,226 के आसपास है। मतलब सामान्य मतदाताओं की संख्या यहां 70% से अधिक है। यहां की उम्मीदवारों को किसी खास विशेष वर्ग के मतदाताओं को रिझाने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन पिछले 10 साल से बीजेपी इस सीट से जीत रही है। इसलिए बीजेपी का पलड़ा भारी है। अगर एंटी इनकंबेंसी बीजेपी पर हावी हुई तो फिर महाविकास आघाड़ी का उम्मीदवार यहां से जीत सकता है।

Loading

Back
Messenger