जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए इंडी गठबंधन और अन्य स्थानीय दलों के घोषणापत्र में किये गये वादों को देखकर ऐसा लगता है कि यह लोग फिर से घाटी को बुरे दौर में ले जाना चाहते हैं जबकि भाजपा की ओर से आज जारी किये गये संकल्प पत्र में विकास और विकास की ही बात कही गयी है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में ना किसी अलगाववादी को जेल से रिहा करने का वादा किया है ना ही कोई ऐसी बात कही है जिससे घाटी में आये सुधार को धक्का पहुँचे। यदि आप अन्य दलों और भाजपा के घोषणापत्र की तुलना करेंगे तो पाएंगे कि अन्य दलों ने लोक लुभावन वादे कर सत्ता हासिल करने पर जोर दिया है जबकि भाजपा ने कश्मीर की समस्याओं का स्थायी हल निकालने और इसे दुनिया में पर्यटन का बड़ा हब बनाने की दिशा में काम करने की बात कही है। निर्णय जम्मू-कश्मीर की जनता को करना है।
हम आपको बता दें कि भाजपा के संकल्प पत्र को जारी करने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू आये थे। खास बात यह है कि अमित शाह के गृह मंत्री रहते ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला हुआ। अमित शाह के गृह मंत्री रहते ही जम्मू-कश्मीर के हालात में सुधार आया। अमित शाह के गृह मंत्री रहते ही यह प्रदेश टेररिज्म से टूरिज्म की ओर बढ़ा। अमित शाह के गृह मंत्री रहते ही अलगाववाद, टैरर फंडिंग और आतंकवाद पर करारी चोट हुई। इसलिए जब वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का संकल्प पत्र जारी कर रहे थे और तमाम वादे कर रहे थे तो जनता को उन पर यकीन हो रहा था। अमित शाह की छवि परिणाम देने वाले राजनीतिज्ञ की रही है इसलिए जनता को विश्वास है कि जो आस जगा कर वह जा रहे हैं उन्हें भाजपा की सरकार बनने पर अवश्य ही पूरा किया जायेगा।
इसे भी पढ़ें: Jammu-Kashmir Election: अमित शाह से कांग्रेस का सवाल, जम्मू-कश्मीर को कब मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा?
जहां तक अमित शाह के संबोधन की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि आजादी के समय से ही हमारी पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर का ये भूभाग बहुत महत्वपूर्ण रहा है और आजादी के समय से ही हमने इस भूभाग को हमेशा भारत के साथ जोड़े रखने के लिए प्रयास किए। उन्होंने कहा कि पंडित प्रेमनाथ डोगरा से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत तक… ये पूरा संघर्ष पहले भारतीय जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी मानती है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने कहा कि धारा 370 ही वो कड़ी थी जो कश्मीर के अंदर युवाओं को उनके हाथ में पत्थर और हथियार पकड़ाती थी। अमित शाह ने कहा कि 2014 तक जम्मू-कश्मीर पर हमेशा आतंकवाद और अलगाववाद की परछाईं रही। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे हमेशा जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करते रहे और सभी सरकारों ने एक प्रकार से तुष्टिकरण की पॉलिस्टिक्स से जम्मू-कश्मीर को डील किया। अमित शाह ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर और भारत का इतिहास लिखा जाएगा, 2014 से 2024 के कालखंड को स्वर्णिम अक्षरों से अंकित किया जाएगा।