सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों द्वारा दायर एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें विपक्षी नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के “मनमाने उपयोग” का आरोप लगाया गया था और गिरफ्तारी, रिमांड और जमानत को नियंत्रित करने वाले नए दिशानिर्देशों की मांग की गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद विपक्ष ने अपनी याचिका वापस ले ली। कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तीखा प्रहार किया। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस, राजद, टीएमसी, आप और बीआरएस सहित 14 भ्रष्ट दलों ने अदालत में जाकर याचिका दायर की। कोर्ट ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि वे आम लोगों की तरह हैं और कानून सबके लिए समान है।
इसे भी पढ़ें: बंदी संजय गिरफ्तारी: बीआरएस नेताओं ने जिला अदालत के बाहर किया प्रदर्शन, बीजेपी नेता के वकील ने गिरफ्तारी को बताया अवैध
पीएम मोदी में कि कोई वीवीआईपी कल्चर नहीं… सब एक समान हैं और एक भाव कुछ भ्रष्टाचारी नेताओं में है कि वो कानून से ऊपर हैं। आज इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर आप नेता भी हैं तो आपको कोई अधिकार नहीं है कि आपके लिए कोई अलग कानून होगा। अगर किसी भ्रष्टाचारी को यह गलतफहमी है कि भ्रष्टाचार करेंगे और कानून का हाथ उन तक नहीं पहुंचेगा…तो उनको बता दूं, ये मोदी सरकार है… जनता से लूटा गया एक-एक रुपया वसूला जाएगा।
इसे भी पढ़ें: Karnataka: कन्नड़ अभिनेता सुदीप को बसवराज बोम्मई को समर्थन, राजनीति में प्रवेश से इनकार, हिंदी पर टिप्पणी से चर्चा में आए थे
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि राजनेताओं को नागरिकों से ऊंचे पायदान पर नहीं रखा जा सकता है और वे कानून के तहत विशेष उपचार और गिरफ्तारी से छूट की मांग नहीं कर सकते। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जेबी पर्दीवाला की एससी पीठ ने सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। आप विशिष्ट मामलों के साथ आएं, हम इससे निपटेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा, हम कुछ आंकड़ों के आधार पर कानून को संक्षेप में नहीं रख सकते हैं।