देश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक जबरदस्त तरीके से जारी है। इन सबके बीच भाजपा ने बिहार में ऑपरेशन लालू यादव शुरू कर दिया है। दरअसल, भाजपा पूरी प्लानिंग के तहत बिहार में यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में है। जब से मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया है, उसी के बाद से इस बात की चर्चा जोरों पर थी। अब इस बात पर मुहर भी लग गई है। जानकारी के मुताबिक 18 जनवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पटना पहुंच रहे हैं। पटना दौरे पर पहुंचने के साथ ही मोहन यादव का भव्य स्वागत किया जाएगा। इसको लेकर तैयारी भी शुरू की जा चुकी है।
इसे भी पढ़ें: Ram Mandir: 22 जनवरी को UP के सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी, शराब की दुकानें भी रहेंगी बंद
मोहन यादव के जरिए भाजपा को बिहार में यादव वोट में सेंधमारी की उम्मीद है। आपको बता दें कि लालू यादव की राजनीतिक उदय के साथ ही यादव समुदाय का वोट उनके लिए हमेशा से ताकत बना रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक पटना एयरपोर्ट पर मोहन यादव का जोरदार तरीके से स्वागत किया जाएगा। इस दौरान बिहार भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे। एयरपोर्ट से सीधे मोहन यादव श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल जाएंगे। यहां वह श्री कृष्ण चेतना मंच के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान बिहार बीजेपी की ओर से मोहन यादव का सम्मान भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बिहार के यादव समाज के कई बड़े नेता भी मौजूद रहेंगे। मोहन यादव इस दौरान सम्राट चौधरी सहित तमाम भाजपा के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। यहां से सीधे मोहन यादव इस्कॉन टेंपल जाएंगे और भगवान कृष्ण का दर्शन करेंगे।
इसे भी पढ़ें: ‘DMK के दिन गिनती के रह गए हैं’, K Annamalai बोले- 2024 चुनाव में फिर से सत्ता में आ रहे हैं पीएम मोदी
दरअसल, भाजपा मोहन यादव के जरिए उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश करेगी जहां यादव एक प्रभावशाली समूह है। बिहार और यूपी के यादव का कितना प्रभाव है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का राजनीति इन्हीं से जुड़ा हुआ है। दिलचस्प बात यह भी है कि मोहन यादव की पत्नी सीमा उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर की रहने वाली है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी है। माना जाता है कि लालू यादव की यादव वोट बैंक पर पकड़ मजबूत है। वहीं दिलचस्प बात यह भी है कि बिहार एकमात्र ऐसा हिंदी भाषा राज्य है जहां बीजेपी कभी भी अपने दम पर सरकार नहीं बन पाई और इसका बड़ा कारण यादव का वोट है जो भाजपा के पाले में अब तक आ नहीं पाया है। बिहार में यादवों की संख्या 14 फीसदी से ज्यादा हैं।