पश्चिम बंगाल में हाल में हुए पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा की घटनाओं की जांच करने वाली भाजपा की एक तथ्यान्वेषी समिति ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी। तथ्यान्वेषी समिति के संयोजक भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश के लिए यह जानना जरूरी है कि बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार का अहंकार और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति घोर अनादर निराशाजनक है। भाजपा पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक तरीके से लोगों की आवाज के लिए लड़ना जारी रखेगी।’’
प्रसाद ने दावा किया कि चुनावों के बाद लोगों में ‘खेला होबे’ का भय ही तृणमूल कांग्रेस सरकार की पहचान बन गया है। उन्होंने हत्याओं, हिंसा और राजनीतिक कारणों से लोगों को निशाना बनाये जाने की घटनाओं के शिकार परिवारों की पीड़ा का हवाला देते हुए कहा कि यह समिति मांग करती है कि हिंसा के सभी मामलों की जांच सीबीआई से कराई जाए, क्योंकि राज्य में पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत तथा उनका पक्षपात सभी को पता है। उन्होंने कहा कि एनआईए को बम विस्फोट से जुड़े मामलों की जांच करनी चाहिए, क्योंकि यह अनुसूचित अपराध की श्रेणी में आता है।
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उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल किया, ‘‘यह क्या हो रहा है ममता जी? यह निंदनीय है। आपने बंगाल को क्या बना दिया है…आपने बंगाल को महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ का प्रदेश बना दिया है।’’ प्रसाद ने हिंसा, खासकर राजनीतिक हिंसा के शिकार लोगों के परिवारों तथा उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की तस्वीरें भी दिखाईं और कहा कि इनमें से अधिकांश वंचित और पिछड़े समुदायों से थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की जीत सुनिश्चित करने और उसके प्रतिद्वंद्वियों पर हमला करने के लिए पूरी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुए होते तो उन्हें यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि भाजपा पंचायत चुनावों में भारी जीत हासिल करती। प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने फिर भी 11,000 ग्राम पंचायत सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस और वाम जैसे अन्य सभी विपक्षी दल 4,000 सीट तक सिमटकर रह गए।