मध्य प्रदेश में चुनाव तारीखों का ऐलान होते ही सियासी दल सक्रिय हो गए हैं। लेकिन सबसे बड़ा फैक्टर यह है कि इस विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को जीत मिलेगी। किस पार्टी ने कितने ज्यादा मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। बता दें कि ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर देखने को मिलेगी। वहीं यह चुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए काफी ज्यादा खास हैं। इसलिए राज्य में बीजेपी पार्टी कोई भी गलती नहीं करना चाहती है। बीजेपी राज्य में फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही हैं। पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन पर भी खासा जोर दिया।
बीजेपी की राह में मुश्किल
राज्य में कुल 230 विधानसभा सीटे हैं। इन सभी सीटों पर 17 नवंबर 2023 को मतदान होने हैं और 3 दिसंबर को नतीजे घोषित होने हैं। बता दें कि करीब 2 दशक से राज्य में भाजपा पार्टी का शासन रहा है। ऐसे में एक बार फिर से जनादेश पाने की चाह में बीजेपी पूरा दमखम लगा रही है। हांलाकि बीजेपी की राह में 20 साल एंटी इनकंबेसी सबसे बड़ी मुश्किल है। इसी कारण से पिछले चुनाव में पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ा था। लेकिन बाद में सिंधिया प्रकरण के चलते राज्य की सत्ता शिवराज सिंह के पास आ गई थी।
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महिला वोटरों को साधने की कोशिश
ऐसे में इस विधानसभा चुनाव के दौरान भगवा पार्टी को एक बार फिर एंटी इनकंबेसी की परीक्षा से गुजरना है। वहीं खुद को जनता का मामा कहने वाले शिवराज सिंह को उम्मीद है कि बतौर मख्यमंत्री जनता उन्हें 5वीं बार सत्ता की चाभी सौंपेगी। इसलिए उन्होंने जनता के लिए कई बड़े ऐलान भी किए हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 5.6 करोड़ मतदाता है। जिनमें से 2.72 करोड़ महिला वोटर्स हैं। वहीं शिवराज ने लाडली योजना शुरू कर महिला वोटरों को साधने का प्रयास किया है। ऐसे में बीजेपी ज्यादा से ज्यादा महिला वोटरों को अपनी तरफ कर नैया पार लगवाने की कोशिश में है।